
रायपुर, छत्तीसगढ़. मप्र और छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक अध्याय शुक्रवार को खत्म हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी शुक्रवार को नहीं रहे। उनका नारायणा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। बता दें कि जोगी 9 मई की सुबह अपने घर के लॉन में टहलते हुए इमली खा रहे थे। तभी बीज उनके गले में फंस गया था। इसके बाद उनका बीपी गिरने लगा और कार्डियक अरेस्ट आ गया था। तब से उनका नारायणा अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे कोमा में थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी।
गले में फंस गया था इमली का बीज...
जोगी 9 मई से ही कोमा में थे। उनकी हालत में कोई सुधार होते नहीं दिख रहा था। बुधवार रात करीब 1 बजे उन्हें कोमा में ही दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा था। इस बीच डॉक्टरों ने उन्हें म्यूजिक थैरेपी भी दी। उन्हें 70 के दशक के पसंदीदा सांग्स भी सुनाए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने बताया कि उनका हार्ट और पल्स रेट स्थिर नहीं चल रही थी।
म्यूजिक थैरेपी भी बेअसर..
जोगी वेंटिलेटर पर थे। उनके ब्रेन में न के बराबर हलचल थी। जोगी को 70 के दशक के उनके पसंदीदा गाने सुनाए गए। डॉक्टर उम्मीद कर रहे थे कि शायद इससे कुछ चमत्कार हो जाए, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिखा। इससे पहले जोगी के बेटे ने ट्वीट करके लिखा था कि उनके पापा बहुत गंभीर हैं। वे एक योद्धा हैं। अब लोगों की दुआओं और ईश्वर की इच्छा पर निर्भर है सबकुछ। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी का निधन छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए एक बड़ी राजनीतिक क्षति है।
हम सभी प्रदेशवासियों की यादों में वो सदैव जीवित रहेंगे।
विनम्र श्रद्धांजलि।
ॐ शांति:
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