इब्राहिम-अंजलि की शादी को कहा गया था लव जिहाद, कोर्ट से राहत तो मिली पर दूर नहीं हुआ ये अड़ंगा

Published : Nov 19, 2019, 01:00 PM ISTUpdated : Nov 19, 2019, 02:08 PM IST
इब्राहिम-अंजलि की शादी को कहा गया था लव जिहाद, कोर्ट से राहत तो मिली पर दूर नहीं हुआ ये अड़ंगा

सार

राजधानी रायपुर के सखी सेंटर से रिहाई फ़िलहाल टल गई। 25 फरवरी 2018 को रायपुर के आर्य मंदिर में की थी शादी। जैन और हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी कि थी आपत्ति दर्ज। 

 
रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित इब्राहिम-अंजली प्रेम विवाह मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अंजलि जैन की राजधानी रायपुर के सखी सेंटर से रिहाई फिलहाल टल गई है। बता दें कि ये शादी दो विपरीत धर्मों के बीच  हुई थी। लेकिन विवाद होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने आदेश दिया कि लड़की अपनी खुशी और इच्छा से कहीं भी रह सकती है। लेकिन प्रशासन ने कोर्ट के आदेश में एक बात पकड़ ली और लड़की को लड़के के पास जाने ही नहीं दिया, यानी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ।

रायपुर का मामला

 छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले 33 वर्षीय मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीक़ी और 23 वर्षीय अंजलि जैन ने दो साल की जान-पहचान के बाद 25 फरवरी 2018 को रायपुर के आर्य मंदिर में शादी की थी। इब्राहिम का दावा है कि उन्होंने शादी से पहले हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद उन्होंने अपना नाम आर्यन आर्य रखा था, कुछ दिन बाद मामला खुल गया। इसके बाद लड़की के घर वालों ने आपत्ति तो दर्ज की, साथ ही जैन और हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी आपत्ति जताई।

मामला कोर्ट तक पहुंचा

मामला बढ़ के कोर्ट-कचहरी तक चला गया। लड़की सखी वन स्टॉप सेंटर में रहने चली गई और पिछले कई महीनों से वहीं रह रही है। लड़की अपने मां-बाप के साथ नहीं रहना चाहती। उसे आशंका थी कि अगर वो पति के पास जाएगी तो इससे माहौल और बिगड़ेगा। इसलिए प्रशासनिक कस्टडी भी उसके साथ थी, बीते हफ्ते यानी 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू ने कहा कि लड़की को  रायपुर के एसपी और साखी के किसी वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में लड़की को आजाद कर देना चाहिए।

अदालत ने दिया रिहाई का आदेश

अदालत ने अंजलि की रिहाई से 24 घंटे पहले उनके पिता अशोक जैन और पति आर्यन आर्य ऊर्फ मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीक़ी को फोन या दूसरे माध्यम से सूचित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि लड़की के पिता अशोक कुमार जैन और उसके पति इब्राहिम को लड़की को रिहा करने के 24 घंटों पहले सूचित करना होगा। रविवार यानी 17 नवम्बर को दोपहर 1 बजे अंजलि को रिहा किया जाना था। साखी सेंटर के चारों ओर के 200 मीटर के एरिया में नाकेबंदी हो गई सब पहुंच गए लेकिन अंजलि को रिहा नहीं किया गया।
 

रायपुर के एसपी आरिफ़ शेख ने कहा, "मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और हमें हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है। हमने लड़की के पिता से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला इसलिए हमने लड़की को नहीं छोड़ा।" वहीं इब्राहिम के वकील का कहना है कि अंजली को रिहा किए जाने का आदेश था। सोमवार को इस मामले में अपील दायर होनी है, इसलिए प्रशासन उसे छोड़ने में जानबूझकर देर कर रहा है।
 

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