70 साल के रिटायर टीचर से नहीं देखा गया गरीबों का दु:ख, पेंशन से बांट रहे खाना

इंसान की सही पहचान मुसीबत में होती है। कोरोना के कारण देश संकट में है। ऐसे में कई लोग तन-मन और धन से लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। ये दम्पती भी उन्हीं में से एक हैं।

बस्तर, छत्तीसगढ़. इंसान की सही पहचान मुसीबत में होती है। कोरोना के कारण देश संकट में है। ऐसे में कई लोग तन-मन और धन से लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। ये दम्पती भी उन्हीं में से एक हैं। 70 साल के ये महाशय टीचर से रिटायर हुए हैं। कोरोना के कारण जब उन्होंने देखा कि गरीब लोगों को खाने की दिक्कत हो रही है, तो उन्होंने अपनी सारी पेंशन उनके लिए भोजन पर खर्च कर दी। ये पिछले कई दिनों से गरीबों को भोजन करा रहे हैं।


पति-पत्नी दोनों स्कूटर पर निकलते हैं लोगों को भोजन देने
यह हैं टीपी नायडू। ये जगदलपुर शहर से लगी ग्राम पंचायत आडावाल में रहते हैं। अपने समय के अच्छे रनर रहे नायडू आज भी फिट हैं। गरीबी में पले-बढ़े नायडू कहते हैं कि अगर इस मुसीबत में किसी के काम नहीं आ सका, तो जीवन का क्या फायदा। नायडू और उनकी पत्नी रोज खाने के पैकेट तैयार करते हैं। इसके बाद दोनों स्कूटर पर लोगों को देने निकल पड़ते हैं। नायडू अपने साथ एक माइक और स्पीकर लेकर चलते हैं। इस दौरान वो लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कोरोना से बचने के तौर-तरीके भी समझाते हैं।

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