छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाथियों के आतंक से लोग डरे हुए हैं। मंगलवार रात उग्र हाथी ने एक महिला को कुचल दिया। वहीं एक महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
बिलासपुर, छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में बसे गांव के लोग हाथियों के आतंक से डरे हुए हैं। हाथी खेतों को बर्बाद कर रहे हैं। जब उन्हें भगाया जाता है, तो वे उग्र होकर लोगों पर हमला कर देते हैं। मंगलवार रात भी एक उग्र हाथी ने महिला की जान ले ली। उसने एक अन्य महिला और बच्ची को कुचलने की भी कोशिश की। हालांकि मां ने हाथी से बेटी को बचाने अपनी जान की बाजी लगा दी। हाथी ने उस पर पैर रख दिया। जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गई। लेकिन बच्ची की जान बच गई।
पुलिस के मुताबिक, घटना में 55 साल की मानवती को हाथी ने कुचलकर मार डाला। हाथी को देखकर मृतका की भतीजी 45 साल की प्रेमवती अपनी मासूम बेटी को लेकर भाग निकली। हाथी उसके पीछे दौड़ पड़ा। जब महिला को लगा कि हाथी से बच पाना मुमकिन हीं, तो उसने बच्ची को छाती से चिपकाया और जमीन पर लेट गई। इसके बाद हाथी महिला पर पैर रखते हुए आगे निकल गया। हाथी के पैर रखने से प्रेमवती की कमर की हड्डी टूट गई। उसे सिम्स में भर्ती कराया गया है। हालांकि उसे इस बात का संतोष है कि उसकी बेटी की जान बच गई।
कई लोगों पर कर चुका है यह हाथी हमला
मरवाही के वनमंडलाधिकारी राकेश मिश्रा ने बताया कि हाथी का नाम गणेश है। मंगलवार दोपहर उसने बेरझिरिया के जंगल में स्थित ग्राम उसाड़ में कई झोपड़ियों को तथा फसल को नुकसान पहुंचाया। रात करीब 9 बजे उसने महिला पर हमला कर दिया। उल्लेखनीय है कि दंतैल हाथी गणेश कोरबा ओर धरमजयगढ़ के जंगलों में कई लोगों पर हमला कर चुका है।