अंदर से बंद था ड्राइंगरूम का दरवाजा, परिजनों ने खिड़की से झांककर देखा...तो होश उड़ गए

अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज के एक फॉर्मासिस्ट ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसका सुसाइड नोट सबके लिए पहेली बन गया है। उसने सुसाइड नोट में लिखा कि वो अपने घर जा रही है। जबकि वो घटनावाले दिन ही रात को अपने गांव से लौटा था। मृतक अपनी पत्नी, बेटे और बहन के साथ रहता था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2020 9:25 AM IST

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़. अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज के एक फॉर्मासिस्ट ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसका सुसाइड नोट सबके लिए पहेली बन गया है। उसने सुसाइड नोट में लिखा कि वो अपने घर जा रही है। जबकि वो घटनावाले दिन ही रात को अपने गांव से लौटा था। मृतक अपनी पत्नी, बेटे और बहन के साथ रहता था। शख्स ने अपने घर के ड्राइंगरूम में फांसी लगाई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला।

बड़े भाई के साथ गांव से लौटा था
पुलिस के अनुसार दरिमा निवासी राजेंद्र कुमार रजवाड़े गांधी नगर क्षेत्र के नवनाकला में पत्नी, बेटे और बहन के साथ रहता था। राजेंद्र बुधवार को ही अपने पैतृक गांव दरिमा से रात करीब 8 बजे बड़े भाई के साथ अंबिकापुर आया था। दोनों कार से पहुंचे थे। राजेंद्र को घर छोड़कर बड़ा भाई विश्रामपुर चला गया था। राजेंद्र काफी देर तक ड्राइंगरूम में बैठा रहा। फिर उसने अंदर से कमरा बंद कर लिया। काफी देर तक जब वो बाहर नहीं निकला, तो परिजनों को घबराहट हुई। उन्होंने खिड़की से झांककर देखा, तो राजेंद्र फांसी पर लटक रहा था।

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