कालीचरण खजुराहो से गिरफ्तार, किराए के मकान में छिपकर रह रहा था..धर्म संसद में महात्मा गांधी को कहे थे अपशब्द

धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को अपशब्द और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ में आरोपी संत के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई गई थी। अब  रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार किया है। कालीचरण को अब रायपुर लाने की कार्यवाही की जा रही है।

 

रायपुर (छत्तीसगढ़). धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को अपशब्द और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण (sant kalicharan maharaj) को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ में आरोपी संत के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी। अब  रायपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया है। कालीचरण को अब रायपुर लाने की कार्यवाही की जा रही है। लेकिन कालीचरण की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस तरीके से गिरफ्तारी की है‌ वह संघीय मर्यादा के खिलाफ है।

आरोपी ने छिपने के लिए कारया था कॉटेज बुक
दरअसल, रायपुर पुलिस ने कालीचरण को गुरुवार सुबह तड़के 4 बजे खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम से पकड़ा है। आरोपी महाराज यहां एक किराए का मकान लेकर वहां छिपकर रह रहा था। इतन ही नहीं बताया जा रहा है कि उसने अपने छिपने के लिए एक कॉटेज भी बुक कराया था। अब पुलिस कालीचरण को कार से लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गई है।

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गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार जिन्होंने गांधी मारा
खुद को कालीपुत्र बताने वाले कालीचरण ने रायपुर धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते हुए कहा था। 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया।  मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं, उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है, जिन्होंने उन्हें मार दिया।

कहा था, गांधी से नफरत, गाली देने पर मृत्युदंड भी स्वीकार
आरोपी संत कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई तो उन्होंने कहा- गांधी को अपशब्द कहने के लिए मुझ पर FIR हुई है, मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति तिरस्कार है। कालीचरण ने नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को महात्मा बताया और कहा- मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं, उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है। कालीचरण ने इस पूरे मामले में सोमवार रात अपना पक्ष रखते हुए एक वीडियो जारी किया था।

 8 मिनट के वीडियो में कई विवादित बातें कहीं थीं...
कालीचरण ने करीब 8 मिनट 50 सेकेंड के वीडियो में अपने विवादित बयान पर कई तरह की बातें की। उन्होंने कहा कि गांधी की वजह से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रधानमंत्री नहीं बने। अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री बनते तो आज भारत अमेरिका से बड़ी ताकत बन सकता था। कालीचरण ने महात्मा गांधी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। भगत सिंह और राजगुरु की फांसी ना रुकवाने के आरोप भी लगाए। कालीचरण ने कहा कि कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता। यदि राष्ट्रपिता बनाना है तो छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए जिन्होंने राष्ट्रकुल को एकत्र करने का काम किया। उन्होंने गांधी को देश का बंटवारा करने का जिम्मेदार बताया।

कांग्रेस ने की थी देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग
बता दें कि कालीचरण के विवादित बयान के बाद सियासत ने भी तूल पकड़ लिया था। जहां एक तरफ कांग्रेस महाराज पर देशद्रोह का केस कराने का मांग कर रही है और तो वहीं बीजेपी के न बोलने पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कालीचरण के खिलाफ राजयुपर में  पूर्व मेयर प्रमोद दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी। तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकम (Mohan Markam) ने भी देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की।

सीएम बोले- जहर घोलने की कोशिश करने वालों पर एक्शन लेंगे
इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने नाराजगी जताई। उन्होंने संत कालीचरण के बहाने बीजेपी को भी घेरा। बघेल ने पूछा- अभी तक BJP के नेताओं की तरफ से कोई बयान क्यों नहीं आया। बीजेपी इस पर मौन क्यों है। छत्तीसगढ़ शांति, प्रेम और भाइचारे की धरती है। यहां उत्तेजक बातें, हिंसात्मक बातें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। राष्ट्रपिता के बारे में इस तरह की बातें कहा जाना निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि बोलने वाले की मानसिक स्थिति क्या है। इसकी जितनी निंदा की जाए, वो कम है। प्रशासन की तरफ से कड़े कदम उठाए जाएंगे।

कौन है कालीचरण महाराज, जिसने राजनीति तक की
संत कालीचरण का असली नाम अभिनीत धनंजय सराग है और भावसार समाज के हैं। पिता दवा की दुकान चलाते हैं। कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला में स्थानीय युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं और 8वीं क्लास तक पढ़े हैं। बचपन में मां-बाप ने उन्हें मौसी के घर इंदौर भेज दिया था। कालीचरण को बॉडी बिल्डिंग का शौक है। क्लासिकल सिंगर की तरह आलाप लेकर सबको चौंका भी देते हैं। कालीचरण ने राजनीति में भी हाथ आजमाया। 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में उन्होंने किस्मत आजमाई, लेकिन हार गए थे। इसी साल कालीचरण भोपाल के पास भोजपुर मंदिर में शिवतांडव स्त्रोत का पाठ कर चर्चा में आए थे। 

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अब रायपुर की धर्म संसद में गांधीजी को अपशब्द, गोडसे की तारीफ, 2 दिन पहले हरिद्वार में भड़काऊ बातें कही गई थीं

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