एक लाश को मर्दों ने कंधा देने से किया इनकार, बोले- हमारे छूते ही भूत बन जाएगी वो...


छत्तीसगढ़ के इस गांव के लोगों में अंधविश्वास है कि अगर वह किसी प्रसूता का शव पुरुष दफनाते हैं तो वह भूत-प्रेत बन जाती है। इसलिए हम उसको छू भी नहीं सकते हैं। आखिर में गांव की महिलाओं ने खटिया पर अंतिम यात्रा निकाली और शव को गांव के बाहर ले जाकर जंगल में दफना दिया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2019 7:55 AM IST / Updated: Oct 20 2019, 01:31 PM IST

कांकेर (छत्तीसगढ़). आधुनिकता के इस दौर में भले ही हम चांद पर घर बसाने की सोच रहे हैं, लेकिन विश्वास और अंधविश्वास के अंतर को क्यों नहीं समझ पा रहे हैं। लोग सब कुछ जानने के बाद भी इसमें फंस जाते हैं। ऐसा ही एक घटना छत्तीसगढ़ में सामने आई है। जहां के पुरुषों ने एक प्रसूता का शव दफनाने से इनकार कर दिया। 

सदमे में चली गई थी महिला की जान
दरअसल, कांकेर जिले में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन कुछ समय बाद नवजात की मौत हो गई। जैसे इस बात की जानकारी प्रसूता को लगी तो सदमे में महिला की जान चली गई। जब दूसरे दिन यानि 16  अक्टूबर की सुबह जच्चा-बच्चा के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए अर्थी निकाली तो कोई गांव का पुरुष तैयार नहीं हुआ।

इसलिए मर्दों ने महिला को नहीं दिया कंधा
गांव के लोगों में ऐसा अंधविश्वास है कि अगर हमने किसी प्रसूता के शव को दफनाया तो वह भूत बन जाती है। क्योंकि यहां शादीशुदा पुरुष किसी प्रसूता की हाथ नहीं लगाते हैं। इसलिए हम ऐसा नहीं कर सकते। आखिर में गांव की महिलाओं ने ही अर्थी निकाली और शव को कंधा देकर जलाने के लिए ले गईं। फिर उन्होंने मिलकर ही युवती का अंतिम संस्कार किया। 

महिला ने 3 साल पहले की थी लव मैरिज
मृतक महला का नाम सुकमोतीन कांगे थी जिसकी उम्र 32 थी। साल 2016 में उसकी शादी राजस्थान के पंकज चौधरी के साथ हुई थी। जानकारी के मुताबिक, वह एक एनजीओ से जुड़कर काम करती थी। इसी के चलते जब वो चार साल पहले  राजस्थान गई थी तो वहीं उसकी मुलाकत पंकज से हुई थी। 

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