अमेरिका (America) में रोजाना औसतन 1.97 लाख नए कोविड 19 (Covid 19) के नए मरीज सामने आ रहे है। ओमीक्रोन (Omicron) अलग से खतरे की घंटी बजा रहा है। लगभग 7 हजार लोग रोज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच पिछले एक साल में मौतों के आंकड़े देखें तो चौंकाते हैं। दुनियाभर में टीबी (TB), एचआईवी (HIV) और अन्य बीमारियां से जितनी मौतें नहीं हुईं, उससे ज्यादा कोविड से हो चुकी हैं। WHO का कहना है कि इसे रोकने वैक्सीनेशन असमानता को दूर करना होगा।
नई दिल्ली। छुट्टियों और त्योहारों के साथ ही जैसे-जैसे दुनियाभर में समारोहों और अन्य कार्यक्रमों की शुरुआत हुई, Covid 19 के ओमीक्रोन वैरिएंट (Omicron Varaint) ने भी अपने पैर पसार दिए। पिछले हफ्ते सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)में 2.88 लाख नए मामले दर्ज किए गए। महामारी की शुरुआत के बाद से यह सबसे बड़ा आंकड़ा था। यहां रोजाना 1.97 लाख तक नए मरीज सामने आ रहे हैं। संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर 10 फीसदी तक बढ़ गई है। हालांकि, भारत में रोजाना आने वाले नए मामले 10 हजार से कम हैं, लेकिन ओमीक्रोन ने चिंता बढ़ा दी है। ब्रिटेन में भी रोजाना कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 1.25 लाख तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। कोविड से दुनियाभर में 34 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इतनी मौतें टीबी, मलेरिया और एचआईवी एड्स जैसी बीमारियों से भी नहीं हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ ने चेताया, शोक मनाने से बेहतर जश्न रद्द करना
पिछले सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के डायरेक्टर जनरल (DG)डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने इसे खतरे की घंटी बताया। उन्होंने लोगों से अपनी छुट्टियों की योजनाओं पर पुनर्विचार करने की अपील की। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भी एक पोस्ट में बताया था कि उन्होंने अपनी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। WHO ने साफ कहा था कि अभी छुट्टियां और समारोह रद्द करना और बाद में जश्न मनाना बाद में शोक मनाने से बेहतर होगा। WHO के आंकड़ों के अनुसार, 21 दिसंबर तक, इस साल अब तक कोविड -19 से 34 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह पिछले साल एचआईवी / एड्स, तपेदिक और मलेरिया से हुई मौतों से कहीं अधिक है।
दुनियाभर में वैक्सीनेशन में असमानता खत्म करें
डॉ. टेड्रोस ने पूरी दुनिया से मौजूदा टीकों के असमान वितरण को खत्म करने का आह्वान किया है। उन्होंने साफ कहा है कि "अगर हमें महामारी को खत्म करना है, तो वैक्सीन में असमानता को खत्म करना होगा। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि हर देश की 70% आबादी को अगले साल के मध्य तक टीका लगाया जाए।
ऐसे समझें वैक्सीनेशन गैप
- दुनियाभर में अब तक तकरीबन 57.4 फीसदी लोगों को कम से कम एक डोज मिल चुकी है।
- 8.9 अरब डोज अब तक दुनियाभर में लगाई गईं। 32.91 मिलियन डोज हर दिन लग रहीं।
- लेकिन कम आय वाले देशों के 8.3 फीसदी लोगों को ही कम से कम एक डोज मिल पाई है।
- पाकिस्तान, इजिप्ट और इथियोपिया की हालत भी खराब है। हालांकि, पाकिस्तान में 29 फीसदी लोग दोनों डोज लगवा चुके हैं।
- UAE में सबसे ज्यादा 91 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। यहां 99 फीसदी लोग एक डोज लगवा चुके हैं।
- नाइजीरिया में महज 4.4 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की डोज मिल सकी हैं।
(स्रोत : https://ourworldindata.org/covid-vaccinations)
भारत में कम हो रहे मामले, लेकिन ओमीक्रोन बढ़ रहा
भारत में कोरोनावायरस के रोजाना आने वाले नए मामलों की संख्या 10 हजार से काफी कम है, लेकिन ओमीक्रोन का बढ़ता प्रसार चिंता बढ़ा रहा है। कोरोना का नया वैरिएंट 19 राज्यों तक फैल चुका है। तकरीबन 500 मरीजों में यह वैरिएंट पाया गया है। यह आंकड़ा डराने वाला इसलिए है, क्योंंकि दुनियाभर में हुए कई रिसर्च बता चुके हैं कि ओमीक्रोन का प्रसार डेल्टा से तीन गुना तेजी से होता है। हालांकि, थोड़ी राहत इस बात की है कि यह फेफड़ों को कम प्रभावित करता है, जिससे मौत का खतरा कम होता है। देश में 141 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। देखें, देश में कितनी डोज लगीं।
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