कोरोना का ओमीक्रोन वैरिएंट काफी हल्के असर वाला था, इसलिए इसकी वजह से दुनिया में ज्यादा तबाही नहीं मची, लेकिन चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। आर्थिक राजधानी शंघाई का आलम ये है कि न तो अस्पतालों में जगह है और न आइसोलेशन सेंटर खाली बचे हैं। कई इलाकों में सेना लगानी पड़ी है।
शंघाई। भारत समेत दुनियाभर में कोरोना के नए (Covid case in india) मामले तेजी से घट रहे हैं, लेकिन चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई (Shanghai) में हाहाकार मचा है। चीन में जितने मरीज मिल रहे हैं, उनमें से 70 फीसदी मरीज यहीं से हैं। यहां लॉकडाउन लगाया जा चुका है। एंबुलेंस दिन भर मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। हालत यह हो गई है कि अस्पतालों में जगह नहीं बची है। एंबुलेंस सर्विस के पास इतने कॉल आ रहे हैं कि अब यह भी कम पड़ने लगी हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट को पागल बता रहे, इसीलिए बिगड़े हालात
हालही में चीन के शंघाई से स्वास्थ्य अमले का एक ऑडियो सामने आया था। इसमें एक व्यक्ति और सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन (CDC) के सदस्य से बात कर रहा था। इस बातचीत में CDC मेंबर ने जो हालात बताए, वह डराने वाले थे। वह कह रहा था- अस्पतालों के वार्ड पूरी तरह भर चुके हैं। आइसोलेशन सेंटर भी खाली नहीं बचे हैं। दिन भर सैकड़ों फोन कॉल्स के कारण एंबुलेंस भी कम पड़ रही हैं। इस बातचीत में CDC मेंबर ने कहा कि रोजाना इतने मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं कि कई पॉजिटव लोेगों को निगेटिव बताया जार रहा है। सीडीसी मेंबर ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि चीन में हेल्थ एक्सपर्ट्स की कोई नहीं सुन रहा है। उन्हें पागल बताया जार रहा है। इसलिए हालात बिगड़ रहे हैं।
इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद
बिगड़ती स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी छोड़कर सब कुछ बंद कर दिया गया है। लोग घर से नहीं निकलें इसलिए हर सामान की डिलीवरी के लिए भी छूट दी गई है। पूरी तरह से लॉकडाउन के बीच किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं है। सेना को लगा दिया गया है ताकि स्थिति बिगड़ने पर नियंत्रित किया जा सके। सिर्फ शंघाई नहीं, आसपास के इलाकों में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए सोमवार को 2.6 करोड़ आबादी का कोविड टेस्ट किया गया।
प्रोटोकॉल का पालन कराने उतारी सेना
कोविड से बिगड़ते हालातों पर काबू पाने के लिए चीन ने शंघाई में बड़ी संख्या में सेना तैनात कर दी है। 2,000 से ज्यादा सैनिक इलाकों पर निगरानी कर रहे हैं, ताकि लोग बेवजह बाहर नहीं निकल सकें। सैनिकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। चूंकि, शंघाई आर्थिक राजधानी है, इसलिए यहां कोरोना के केस बढ़ने से चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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