खून की उल्टियां, तबीयत खराब; बिना किसी को बताए भारत के लिए खेलते रहे युवराज सिंह

टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कैंसर को मात देकर पूरे देश में एक मिसाल पेश की। नरगिस दत्त के बाद युवराज देश की दूसरी बड़ी हस्ती थे, जिन्हें कैंसर का सामना करना पड़ा। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2020 5:55 PM IST

नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कैंसर को मात देकर पूरे देश में एक मिशाल पेश की। नरगिस दत्त के बाद युवराज देश की दूसरी बड़ी हस्ती थे, जिन्हें कैंसर का सामना करना पड़ा। उन्होंने खुलकर इस लड़ाई को लड़ा और देश में कैंसर के प्रति जागरुकता पैदा की। कैंसर दिवस के मौके पर हम आपको उनके संघर्ष से जुड़ी बातें बता रहे हैं। कैसे उन्होंने इस बीमारी का सामना किया और कैंसर के खिलाफ जंग में जीत हासिल की। युवराज के ठीक होने में उनके स्वभाव और मजबूत इच्छा शक्ति का बड़ा हाथ था। युवी हर समय मस्त रहते थे और हर जगह अपने दोस्त बना लेते थे। इसी वजह से कैंसर कभी भी उन पर हावी नहीं हो पाया। 

वर्ल्डकप के दौरान हो रही थी खून की उल्टियां
युवराज सिंह को वर्ल्डकप को दौरान ही कैंसर के लक्षण दिखने लगे थे, पर यह चैंपियन टीम इंडिया को जिताने में इतना मशगूल था कि उन्हें कैंसर का पता ही नहीं चला। टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने कई बार खून की उल्टी भी की, लेकिन युवराज बीच टूर्नामेंट में टीम इंडिया को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने अपनी बीमारी को नजरअंदाज कर दिया और भारत के लिए लगातार मैच खेलते रहे। टीम इंडिया को चैंपियन बनाया और इसके बाद अपनी बीमारी का इलाज करने पहुंचे। जब कैंसर का पता चला तो युवी मानो आसमान से सीधा जमीन पर आ गिरे थे, पर उन्होंने यह जंग भी लड़ी और जीतकर सभी के लिए प्रेरणा बने।  

अपने डॉक्टर के दोस्त को हर बार दी मात 
युवराज के इलाज में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर नितेश रोहतगी ने उनके संघर्ष से जुड़े कई किस्से साझा किए हैं। उनका कहना था कि युवराज का स्वभाव ही उनकी जीत का कारण है। युवराज क्रिकेट के अलावा टेबल टेनिस के भी अच्छे खिलाड़ी हैं। कैंसर के इलाज के दौरान युवी इन्हीं चीजों के सहारे खुद को व्यस्त रखते थे। इस दौरान उन्होंने अपने डॉक्टर के दोस्त पारुल चड्ढा के साथ कई बार टेबल टेनिस खेला पर हर बार चड्ढा साहब हार जाते थे। हारने के बाद उन्होंने कहा कि "तुम बीमार हो इसलिए मैं जानबूझकर हार गया।" इस घटना के बाद भी युवराज ने कई बार चड्ढा को हराया। हालांकि, हर बार चड्ढा सबाहब का यही कहना होता था कि वो जानबूझकर हारे हैं। 

बीमारी के बाद बचाई कई लोगों की जान 
युवराज ने कैंसर से उबरने के बाद यू वी कैन नाम का फाउंडेशन शुरू किया और कैंसर से लड़ने में लोगों की मदद कर रहे हैं। इस संस्था के जरिए न सिर्फ युवराज लोगों को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं, बल्कि बीमारी ठीक होने बाद आम जीवन में फिर से लौटने में भी बीमार लोगों की मदद की जाती है। यह संस्था कैंसर से जीतने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाती है। 

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