2008 में कोहली को भारतीय टीम में नहीं खिलाना चाहते थे धोनी, टीम चुनने वाले दिलीप वेंगसरकर ने किया खुलासा

साल 2008 में धोनी कोहली को भाररतीय टीम में नहीं खिलाना चाहते थे। उस समय भारतीय टीम के चयनकर्ता रहे दिलीप वेंगसरकर ने खुद यह खुलासा किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2020 11:11 AM IST

नई दिल्ली. विराट कोहली और महेन्द्र सिंह धोनी मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट में 2 सबसे बड़े नाम हैं। इन खिलाड़ियों का हर मैच में खेलना और ना खेलना भी देश के करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है। दोनों खिलाड़ियों ने साथ मिलकर टीम इंडिया को कई मैच भी जिताए हैं। हाल ही में लाइव चैच के दौरान कोहली ने कहा था कि धोनी के साथ बल्लेबाजी करने में उन्हें सबसे ज्यादा मजा आता है, पर साल 2008 में धोनी कोहली को भाररतीय टीम में नहीं खिलाना चाहते थे। उस समय भारतीय टीम के चयनकर्ता रहे दिलीप वेंगसरकर ने खुद यह खुलासा किया है। 

कोहली के खिलाफ थे कोच और कप्तान
दिलीप वेंगसरकर ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब श्रीलंका दौरे के लिए टीम चुनी जानी थी, तब उन्होंने कोहली का नाम आगे रखा क्योंकि वो युवा थे और उन्होंने अपनी कप्तानी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को अंडर 19 वर्ल्डकप जिताया था। वेंगसरकर के साथी चयनकर्ता भी कोहली को मौका देने के पक्ष में थे, पर कप्तान धोनी और कोच गैरा कर्स्टन कोहली को मौका नहीं देना चाहते थे। इन दोनों का कहना था कि अभी तक उन्होंने कोहली का खेल ठीक से देखा नहीं है और उन्हें अभी तैयार होने में समय लगेगा। धोनी और गैरी कर्स्टन किसी अनुभवी खिलाड़ी को मौका देने के पक्ष में थे। हालांकि श्रीलंका सीरीज में कोहली को भारत के लिए खेलने का मौका मिला और वो कुछ नहीं कर पाए थे। बाद में उन्होंने अपनी फॉर्म दिखाई और 2011 वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई थी। इसके बाद से कोहली ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब टीम की कप्तानी का जिम्मा संभाल रहे हैं। 

बद्रीनाथ को मौका देना चाहते थे धोनी 
दिलीप वेंगसरकर ने आगे बताया कि टीम के कप्तान, कोच और BCCI अध्यक्ष श्रीनिवासन कोहली की जगह सुब्रमणयम बद्रीनाथ को मौका देना चाहते थे। सेलेक्टर्स ने कोहली को टीम में चुना था इस बात से श्रीनिवासन वेंगसरकर से नाराज भी हो गए थे। उन्होंने बाद में वेंगसरकर से कहा था कि बद्रीनाथ एक मौके का हकदार था। हालांकि बाद में कोहली ने उनके फैसले को सही साबित किया और वर्ल्ड क्रिकेट में बड़ा नाम बनकर उभरे, जबकि बद्रीनाथ को IPL में भी कम ही देखा जाता है।  

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