Indian Coach रहते हुए भेदभाव का शिकार हुए Ravi Shastri! कहा- बोर्ड के कुछ लोग मुझे कोच नहीं बनने देना चाहते थे

Published : Dec 10, 2021, 03:33 PM IST
Indian Coach रहते हुए भेदभाव का शिकार हुए Ravi Shastri! कहा- बोर्ड के कुछ लोग मुझे कोच नहीं बनने देना चाहते थे

सार

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने आरोप लगाया कि 2014 के बाद उनके खिलाफ साजिश हुई। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने मुझे जिस तरह से हटाया गया, उससे दुख हुआ।

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket Team) में पिछले कुछ महीनों में बड़े-बड़े बदलाव हुए हैं। पहले रवि शास्त्री (Ravi Shastri) 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद बतौर कोच टीम इंडिया से अलग हो गए थे। जिसके बाद राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने टीम इंडिया के मुख्य कोच का पदभार संभाल लिया। इसके बाद विराट कोहली (Virat Kohli) की जगह रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को टी20 और वनडे टीम का कप्तान बनाया गया है। इसे लेकर अब भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बड़ा खुलासा किया है कि, बोर्ड (BCCI) के कुछ लोग नहीं चाहते थे, कि वह भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनें।

इंटव्यू में खोले राज
हाल ही में एक मीडिया को इंटरव्यू देते हुए रवि शास्त्री ने कहा, 'BCCI में कुछ लोग मुझे और भरत अरुण को कोच के रूप में नहीं देखना चाहते थे। लेकिन आपने देखा कि चीजें किस तरह से बदली हैं। जिसे वो गेंदबाजी कोच नहीं बनाना चाहते थे, वो भारत के सबसे शानदार गेंदबाजी कोच बने। मैं किसी एक इंसान का नाम नहीं ले सकता, लेकिन मैं ये बता सकता हूं कि इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि मुझे कोच का पद ना मिले।' उन्होंने ने ये भी कहा कि कहा, 'मेरे दूसरे कार्यकाल के दौरान, मैं एक बड़े विवाद में फंस गया था। उसके बाद, कई लोग मुझे एक कोच के रूप में नहीं चाहते थे। यह उनके व्यवहार से मुझे स्पष्ट था। उन्होंने यहां तक ​​​​कि एक अन्य व्यक्ति को भी चुन लिया था।'

शास्त्री की कोचिंग में भारत को नहीं मिली 1 भी ट्रॉफी
पूर्व कोच रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने कुल 43 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 25 में जीत और 13 में हार और 5 ड्रॉ रहे। वनडे की बात करें तो टीम इंडिया ने 79 मैचों में 53 जीत और 23 हार का सामना किया। वहीं, टी20 क्रिकेट में उनकी कोचिंग में भारत ने 65 मैचों में 43 में जीत दर्ज की थी। लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही कि, इतना सफल कोच होने के बाद भी उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने कोई भी ICC ट्रॉफी अपने नाम नहीं की। जिसे लेकर शास्त्री ने कहा कि, 'मुझे जिस तरह से टीम से हटाया गया वो सही नहीं था। इससे मुझे दुख हुआ था। मुझे टीम से बाहर करने के कई और बेहतर तरीके हो सकते थे। जब मैं टीम को छोड़ कर गया था तो वह अच्छी स्थिति में थी। मेरे दूसरे कार्यकाल में मैं काफी विवादों के बाद आया था। जो लोग मुझे बाहर रखना चाहते थे। ये उनके मुंह पर करारा तमाचा था।' 

कुंबले के इस्तीफे के बाद मिला कोच पद
बता दें कि विराट कोहली से विवाद के बाद अनिल कुंबले ने 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल के दो दिन बाद कोच पद से इस्तीफा दे दिया थे। कुंबले के कोच बनने के 9 महीने बाद, शास्त्री टीम के नए मुख्य कोच के रूप में दोबारा लौटे और कुंबले की जगह ली। शास्त्री ने यह भी खुलासा किया कि उस दौरान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कुछ लोगों ने उन्हें इस भूमिका निभाने से रोकने की पूरी कोशिश की थी।

हालांकि, पिछले चार सालों में रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट को कुछ नए मील के पत्थर हासिल करने में मदद की। इसमें पहली आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में खेलना यकीनन भारत के लिए एक बड़ी बात थी। लेकिन इस मैच में उसे न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा। उनकी कोचिंग में भारत ने लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती और इस साल इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में 2-1 से आगे रही।

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