
नई दिल्ली. भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 2011 वर्ल्डकप को लेकर नया खुलासा किया है। गंभीर ने 2011 वर्ल्डकप फाइनल के बार में बताते हुए कहा कि मैं संयम के साथ बल्लेबाजी कर रहा था और मैरा ध्यान सिर्फ टारगेट को चेज करके जीत दिलाने पर था। धोनी ने मुझे आकर बताया कि आप अपने शतक से सिर्फ 3 रन दूर हैं। यह सुनकर मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई मैं नर्वस हो गया और मुझे अपना विकेट गंवाना पड़ा।
गंभीर ने एक निजी चैनल से बातचीत मे कहा कि "उस समय मेरा लक्ष्य सिर्फ टीम को जीत दिलाने पर था और मैं धीरे-धीरे अपनी टीम को वहां ले जा रहा था। मैं उस समय प्रेजेंट में था और सबकुछ सही था। धोनी ने आकर मुझे बताया कि मैं शतक से सिर्फ 3 रन दूर हूं। यह सुनते ही मेरे शरीर में खून का संचार बढ़ गया मैं अपने व्यक्तिगत आंकड़े के बारे में सोचने लगा, मैं वर्ल्डकप फाइनल में शतक के बारे में सोचने लगा। अब मैं वर्तमान से भविष्य में जा चुका था। मेरी एकाग्रता टूट चुकी थी और अंत में मुझे अपना विकेट गंवाना पड़ा।"
2011 वर्ल्डकप के फाइलन मैच में गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली थी और मुश्किल हालातों से बाहर निकालकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। गंभीर पूरी पारी के दौरान बहुत ही एकाग्र और लय में लग रहे थे, पर अचानक थिसारा परेरा की गेंद पर गंभीर क्लीन बोल्ड हो गए थे। इस घटना को लेकर गंभीर से कई बार सवाल किया गया है जिस पर अंततः गंभीर ने बात की और इस बात का खुलासा किया।
इस मैच में सचिन और सहवाग के जल्दी आउट होने के बाद गंभीर ने पारी को संभाला था और 97 रन बनाए थे। गंभीर का विकेट गिरने के बाद धोनी ने युवराज के साथ 54 रनों की साझेदारी की थी और भारत को यह मैच जिता दिया था। धोनी को उनकी नाबाद पारी के लिए मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला था। इससे पहले 2007 T-20 वर्ल्डकप में भी गंभीर ने 75 रनों की शानदार पारी खेली थी और उस समय भी इरफान पठान को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला था।