दूसरे टेस्ट में ताबड़तोड़ क्रिकेट खेलना चाहते हैं कोहली, T-20 सीरीज में 5-0 से जीता था भारत

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले, अपने बल्लेबाजों से बेहद रक्षात्मक रवैया छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि विदेशी दौरों में इस तरह के खेल से कभी फायदा नहीं मिलता। 

वेलिंगटन. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले, अपने बल्लेबाजों से बेहद रक्षात्मक रवैया छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि विदेशी दौरों में इस तरह के खेल से कभी फायदा नहीं मिलता। भारत को बेसिन रिजर्व में पहले टेस्ट मैच में दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। वह तेज गेंदबाजों के लिये मददगार पिच पर दोनों पारियों में 200 रन तक भी नहीं पहुंच पाया था। इससे पहले हुई T-20 सीरीज में भारत ने इन्हीं मैदानों में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराया था, पर लंबे फॉर्मेट में डिफेंसिव होकर भारतीय खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पा रहे हैं। 

कोहली ने हार के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम जिस भाषा का उपयोग करते हैं, उसे सही करना होगा। मुझे नहीं लगता कि सतर्क होने या बेहद सावधानी बरतने से मदद मिलेगी क्योंकि ऐसे में हो सकता है कि आप अपने शॉट नहीं खेल पाओ। ’’

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पूरे मैच में टुक टुक करते रहे भारतीय खिलाड़ी 
दूसरी पारी में तकनीकी तौर पर मंझे हुए बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बेहद रक्षात्मक रवैया अपनाया और 81 गेंदों पर 11 रन बनाये। हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाये। बल्लेबाजी इकाई किसी भी समय लय हासिल करने में नाकाम रही। पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिये मजबूर होना पड़ा। भारतीय कप्तान को यह कतई पसंद नहीं है कि आप दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले लेगी।

बल्लेबाजों से आक्रामक खेल देखना चाहते हैं कोहली 
भारतीय कप्तान को विरोधी टीम पर हावी होने के लिये जाना जाता है और वह चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका अनुसरण करें। कोहली ने कहा, ‘‘आपको संदेह पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी। मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं। ’’

कोहली ने कहा, ‘‘अगर आप सफल नहीं होते, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपकी सोच सही थी आपने कोशिश की लेकिन अगर इससे फायदा नहीं मिला तो उसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है। ’’ कप्तान ने अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है विशेषकर विदेशी पिचों पर। ’’
 

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