विवाद में गांगुली को मिल सकती थी 'सजा', फिर विपक्षी ड्रेसिंग रूम पहुंचे और यूं सुलझा लिया मामला

ये वाकया 2002 में चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान का है। फाइनल के दो मैच बारिश में धुल जाने के बाद दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 13, 2020 1:03 PM IST / Updated: Jul 13 2020, 06:36 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क। सौरव गांगुली को भारत के ऐसे कप्तान के रूप में भी याद किया जाता है जो मैदान पर अपनी आक्रामकता के लिए मशहूर थे। वो कई बार विरोधी खिलाड़ियों से उलझ जाते थे। और कई बार उनकी इसी आक्रामकता से अनुशासनात्मक कार्रवाई तक का खतरा पैदा हो जाता था। श्रीलंका से एक मैच में भी ऐसा ही क्षण आ गया था, लेकिन तब गांगुली ने अपने स्तर से इसे संभाल लिया था। 

क्रिकेट का ये दिलचस्प किस्सा कुमार संगकारा ने साझा किया है। ये वाकया 2002 में चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान का है। फाइनल के दो मैच बारिश में धुल जाने के बाद दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। इसी टूर्नामेंट में रसेल अर्नोल्ड से सौरव गांगुली की तीखी बहस हो गई थी। दरअसल, रसेल मैच के दौरान लगातार पिच के अंदर दौड़ रहे थे। 
गांगुली ने उन्हें कई बार टोका। लेकिन रसेल के नहीं रुके और गांगुली ने उनसे तीखी बहस कर ली। अंपायरों को बीच-बचाव करना पड़ा था।  

विपक्षी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे दादा 
कुमार संगकारा के मुताबिक अंपायरों ने दादा की शिकायत भी की थी और उनपर कार्रवाई का खतरा भी था। स्टार स्पोर्ट्स के शो में संगकारा ने कहा, "दादा (सौरव) हमारे ड्रेसिंग रूम में आए और हमसे बात की। उन्होंने कहा कि अगर यह चलता रहा तो वह प्रतिबंधित हो जाएंगे। तब हमने (श्रीलंका के प्लेयर्स ने) उनसे कहा कि आप चिंता न करें। हम इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाएंगे।"

विश्वकप जीतने से चूक गए थे सौरव गांगुली 
सौरव गांगुली को 2000 में कप्तान बनाया गया था। सौरव के कमान संभालने के बाद टीम इंडिया का कायापलट हो गया। गांगुली ने बतौर कप्तान 49 टेस्ट और 147 एकदिवसीय मैचों में भारत की कप्तानी की थी। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया 2003 के विश्वकप फाइनल में भी पहुंची थी। सौरव अच्छे कप्तान के साथ-साथ बाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज भी थे।  

Share this article
click me!