ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे: वर्षों बाद मिले दो दिलदार तो फैंस बोले- 'आप दोनों टीम में वापस आ जाओ यार'

भारतीय टीम के दो दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह (MS Dhoni and Yuvraj Singh) की दोस्ती के बारे में पूरी दुनिया जानती है। लेकिन बीच में कुछ वक्त ऐसा भी आया जब दोनों के बीच दरार की खबरें सरेआम हुईं। हालांकि इन दोनों की दोस्ती आज भी बरकरार है। 

Manoj Kumar | Published : Sep 18, 2022 1:51 PM IST

MS Dhoni and Yuvraj Singh. भारतीय क्रिकेट टीम का जब भी जिक्र किया जाएगा तो महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह को याद किए बिना यह जिक्र कभी पूरा नहीं होगा। ऐसा इसलिए की 21वीं सदी में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप और वनडे विश्व कप जीता तो उसके शिल्पकार यही दोनों खिलाड़ी रहे। जब भी वे मैदान पर होते तो हर क्रिकेट प्रेमी यही कहता कि धोनी है तो मुमकिन है और युवराज है तो जीतना सुनिश्चित है। यह ऐसे दो दोस्तों की कहानी है, जिनके बीच कुछ गलतफहमियां भी आईं लेकिन उनके खेल पर इसका कभी कोई असर नहीं पड़ा। यही कारण है कि ये दोनों आज भी गहरे दोस्त हैं और आगे भी यह दोस्ती यूं ही जारी रहेगी। 

जब मिल बैठे दो यार...
दरअसल इन दिनों मीडिया में एक तस्वीर वायरल है, जिसमें युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी आसपास बैठे हैं और उन्हें देखकर यही कहा जा सकता है कि जब मिल बैठे दो यार। सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल है, उसमें साफ दिख रहा है कि दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे का साथ काफी पसंद करते हैं और वे एक-दूसरे को देखकर खुश हैं। यह एक विज्ञापन शूट का फोटो है, जिसमें दोनों खिलाड़ी रूम मेट की भूमिका में हैं। युवराज सिंह के हाथ में पॉपकार्न का बाउल है और धोनी के हाथ में टीवी का रिमोट है। हालांकि असल में यह विज्ञापन किस चीज का है यह अभी क्लीयर नहीं है लेकिन एड जारी होने के बाद पता चल जाएगा कि आखिरकार दोनों दोस्तों के बीच प्यार और तकरार की दास्तां क्या है। फिलहाल तो यह तस्वीरें देखकर क्रिकेट फैंस गदगद हैं और इस जोड़ी को जमकर बधाइयां दे रहे हैं।

धोनी-युवी की जुगलबंदी
मौका 2011 के विश्व कप का था और युवराज सिंह कैंसर से निबटने के बाद भारतीय टीम में वापस आए थे। तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस जुझारू प्लेयर पर पूरा विश्वास किया और हर मैच में युवी ने शानदार बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग करके टीम को जीत दिलाई। फाइनल मैच में भी जब धोनी ने विजयी सिक्सर जड़ा तो उनके सामने युवराज सिंह ही थे, जो अपने आंसू नहीं रोक पाए और धोनी से लिपटकर रोने लगे। यह एक ऐसी जीत थी जिसकी तमन्ना हर भारतीय कर रहा था। हालांकि मैदान पर इस हिट जोड़ी को किसी की नजर लगी और युवराज के पिता जोगराज सिंह ने धोनी पर यह आरोप मढ़ दिया कि धोनी की वजह से युवी को कप्तानी नहीं मिली। हालांकि युवराज सिंह ने कभी भी महेंद्र सिंह धोनी का विरोध नहीं किया। यही कारण है कि वे आज भी न सिर्फ अच्छे दोस्त हैं बल्कि एक-दूसरे पर जान भी छिड़कते हैं। 

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