पिता से विरासत मिली इस चीज को आज भी दिल से लगाकर रखते हैं सचिन तेंदुलकर, महसूस करते है उनकी उपस्थिति

Published : Jun 20, 2021, 11:59 AM IST
पिता से विरासत मिली इस चीज को आज भी दिल से लगाकर रखते हैं सचिन तेंदुलकर, महसूस करते है उनकी उपस्थिति

सार

फादर्स डे के मौके पर सचिन तेंदुलकर ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि पिता के बचपन का पालना को उन्होंने आज भी अपने दिल के करीब रखा है और इससे उन्होंने एक झूला बनाकार अपने घर में खास जगह पर रखा है। जब भी वह परेशान होते है यहां आकर बैठते हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क : रविवार 20 जून को पूरी दुनिया में फादर्स डे (Father's day ) मनाया जा रहा है लोग अलग-अलग तरह से अपने पिता को इस दिन की बधाई दे रहे हैं। वहीं, जिनके पिता इस दुनिया में नहीं है वह उन्हें आज के दिन याद कर रहे हैं। भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रहे सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी फादर्स डे के मौके पर अपने पिता को याद किया और बताया कि उनसे विरासत में मिली एक चीज को आज भी वह दिल से लगा कर रखते हैं। क्या है वह चीज जो सचिन के दिल के आज के बहुत करीब है और इसके होने से उन्हें अपने पिता के होने का एहसास होता है आइए आपको बताते हैं...

पिता की पालने से बनाया झूला
फादर्स डे के मौके पर सचिन तेंदुलकर ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जिसमें वह एक खास झूले पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। देखने में तो यह एक आम झूला ही लग रहा है, लेकिन वास्तव में यह एक पालना है जिस पर उनके पिता रमेश तेंदुलकर का बचपन बीता था। वीडियो को शेयर कर सचिन ने लिखा कि, 'हमारे पास कुछ चीजें हैं जो हमारे लिए टाइम मशीन का काम करती हैं एक गीत, एक स्माइल, एक साउंड या एक फ्लेवर। मेरे लिए यह मेरे पिता के बचपन की कुछ ऐसी याद है, जो मुझे उनकी याद दिलाती है। फादर्स डे पर मैं उस जगह को आप सभी के साथ शेयर करना चाहता हूं।' वीडियो में उन्होंने बताया कि ये उनके पिता के बचपन का पालना है, जिसे उन्होंने एक झूला बनाकार अपने घर में खास जगह पर रखा है और जब भी वह परेशान होते है यहां आकर बैठते हैं। ये उनके लिए बहुत स्पेशल हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि 'आपकी याद हमेशा आती है बाबा।'

पिता की मौत के बाद मारी सेंचुरी
सचिन तेंदुलकर के पिता रमेश तेंदुलकर (Ramesh Tendulkar) एक महाराष्ट्रीयन उपन्यासकार थे। उनका निधन 1999 में हुआ था उस दौरान भारतीय टीम वर्ल्ड कप खेल रही थी, लेकिन जब सचिन को अपने पिता की मौत के बारे में पता चला तो वह वापस आ गए और पिता का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद जब वर्ल्ड कप में वापस लौटे तो अगले ही मैच में उन्होंने सेंचुरी बना दी और इस शतक को उन्होंने अपने पिता को डेडीकेट किया। सचिन हमेशा से ही अपने पिता के बहुत करीब रहे हैं। वह अक्सर उनके साथ अपने पुरानी फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया के जरिए शेयर करते रहते हैं और अपनी जिंदगी में अपने पिता की अहमियत को बताते हैं।

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