फ्रेंडशिप डे पर सचिन तेंदुलकर ने शेयर की बचपन की ये तस्वीर, दोस्ती की समझाई ऐसे अहमियत

भारतीय क्रिकेट की सबसे चर्चित दोस्ती सचिन और विनोद कांबली की है। इन्हें मुम्बई क्रिकेट के जय-वीरू के नाम से भी जाना था। दोनों के गहरी दोस्ती का ही नतीजा था कि 1988 में दोनों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। दोनों ने मिलकर स्कूल क्रिकेट में 664 रन बनाए, जिसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया। इस घटना के बाद दोनों लाइम लाइट में आए और कुछ साल बाद भारतीय टीम में शामिल हुए।

स्पोट्स डेस्क।  फ्रेंडशिप डे सचिन तेंदुलकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है। ये तस्वीर उनके बचपन की है। वहीं, सचिन तेंदुलकर ने अपने बचपन की इस तस्वीर को शेयर करते हुए फैंस को दोस्ती की अहमियत समझाई है। बता दें कि पिछले साल पिछले साल भी  फ्रेंडशिप डे पर सचिन तेंदुलकर ने विनोद कांबली के साथ स्कूल के समय की तस्वीर शेयर की थी।

Latest Videos

सचिन ने शेयर की बचपन की तस्वीर
सचिन ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह काफी छोटे नजर आ रहे हैं। वह अपने छह दोस्तों के साथ पार्क में बने झूले पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, दोस्त क्रिकेट ग्राउंड पर स्थित फ्लडलाइट की तरह होते हैं, जो कोने से बैठकर आपकी सफलता को देखते हैं, और जब सूरज डूबता है और रौशनी कम होने लगती है, तब वह आपके चारो ओर अपनी रौशनी बिखेरता है। मेरे लिए तो हर दिन फ्रेंडशिप डे ही है।

पिछले साल शेयर की थी ये फोटो

पिछले साल सचिन तेंदुलकर ने विनोद कांबली के साथ स्कूल के समय की तस्वीर शेयर की थी। बता दें कि भारतीय क्रिकेट की सबसे चर्चित दोस्ती सचिन और विनोद कांबली की रही है। इन्हें मुम्बई क्रिकेट के जय-वीरू के नाम से भी जाना था। दोनों के गहरी दोस्ती का ही नतीजा था कि 1988 में दोनों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। दोनों ने मिलकर स्कूल क्रिकेट में 664 रन बनाए, जिसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया। इस घटना के बाद दोनों लाइम लाइट में आए और कुछ साल बाद भारतीय टीम में शामिल हुए।

वड़ापाव खाने की लगती थी शर्त
विनोद कांबली के मुताबिक, कैंटीन में दोनों का फेवरेट फूड वड़ापाव था। कौन कितने वड़ा पाव खा सकता है, इसकी भी शर्त लगती थी। सचिन के 100 रन बनाने पर विनोद उन्हें 10 वड़ा पाव खिलाते थे। यही सचिन भी विनोद के लिए करते थे। स्कूल में भाषण देने की बारी आने पर चालाकी से विनोद, सचिन को पीछे छोड़ देते थे। ऐसा ही एक वाकया है जब सचिन को स्पीच देनी थी। सचिन का भाषण बमुश्किल एक से दो मिनट का था। लेकिन कांबली ने अंग्रेजी के टीचर से भाषण लिखवाया और उसे मंच पर पढ़कर सचिन को हैरानी में डाल दिया। दोस्ती का कारवां आगे बढ़ा और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पहुंचा।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

क्या बांग्लादेश के साथ है पाकिस्तान? भारत के खिलाफ कौन रह रहा साजिश । World News
'फिर कह रहा रामायण पढ़ाओ' कुमार विश्वास की बात और राजनाथ-योगी ने जमकर लगाए ठहाके #Shorts
हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
Atal Bihari Vajpayee की 100 वीं जयंती पर 'सदैव अटल' पहुंचे PM Modi, अर्पित की पुष्पांजलि
Kazakhstan Plane Crash: प्लेन क्रैश होने पर कितना मिलता है मुआवजा, क्या हैं International Rules