5 पावर मेंटर से लेकर कोहली के 'विराट' प्रयोग तक...T20 World Cup 2021 से भारत के बाहर होने की 5 सबसे बड़ी वजह

टी20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 World Cup 2021) में टीम इंडिया (Team India) के सेमीफाइल में नहीं पहुंचने ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। आखिर सितारों से सजी टीम कैसे वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर भी तय नहीं कर पाई। आज इस खबर में हम इन्हीं सवालों को जवाब खोजेंगे। 

स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने टी20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 World Cup 2021) अपने प्रदर्शन से फैंस को काफी निराश किया है। टीम इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी। सोमवार को टीम इंडिया अपने अंतिम मुकाबले में नामीबिया क्रिकेट टीम (Namibia Cricket Team) को 9 विकेट से हराया। हालांकि इस मुकाबले का कोई महत्व नहीं रह गया था क्योंकि टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो चुकी थी। इस वर्ल्ड कप में टीम को बड़ी टीमों के खिलाफ शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। कमजोर टीमों पर जोर आजमाइश कर टीम इंडिया ने अपनी लाज बचाने का प्रयास किया। पाक के खिलाफ पहले मैच में टीम को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। दूसरे मैच में न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से पीट दिया। इसके बाद कमजोर टीमों अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया को टीम ने बड़े अंतर से हराया। 

टी20 वर्ल्ड कप से क्यों बाहर हुई टीम इंडिया? 

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टीम के इस प्रदर्शन पर चर्चा करना बेदह जरूरी है साथ वर्ल्ड कप में टीम के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाने की वजहों को जानना भी आवश्यक है। बड़ा सवाल यही है कि सुपर स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम का प्रदर्शन इतना साधारण कैसे रह गया कि वह सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। आइये इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं। 

1. सीनियर बल्लेबाजों ने नहीं ली जिम्मेदारी: 

टी20 वर्ल्ड कप 2021 के पहले दो मुकाबलों में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इन दोनों बड़े मैचों में बल्लेबाजों को दमदार प्रदर्शन करना चाहिए था लेकिन टीम दबाव में आ गई और साधारण स्कोर ही बना सकी। पाकिस्तान के खिलाफ कप्तान विराट कोहली (57 रन, 49 गेंद) और रिषभ पंत (39 रन, 30 गेंद) का बल्ला चला। अन्य सभी बल्लेबाज तो मानो मैदान पर केवल शक्ल दिखाने के लिए ही जा रहे थे। विराट की बल्लेबाजी भी काफी धीमी (116.33 की स्ट्राइक रेट) रही जिससे कोई खास फायदा नहीं हुआ। न्यूजीलैंड के खिलाफ (110/7 स्कोर) मैच में तो कोई भी बल्लेबाज अपना असर नहीं छोड़ सका। माना जा सकता है कि वर्ल्ड कप के सेफीफाइल में नहीं पहुंच पाने का सबसे बड़ा कारण भारत की खराब बल्लेबाजी ही रही। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavskar) ने भी वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के लिए बल्लेबाजों को ही जिम्मेदार ठहराया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ तो टीम ने अपना टी20 का दूसरा सबसे कम स्कोर बनाया।  

टी20 में भारत के 5 न्यूनतम स्कोर: 

रन - खिलाफ - साल 

79 - न्यूजीलैंड - 2016
110/7 - न्यूजीलैंड - 2021 
118/8 - साउथ अफ्रीका - 2009 
130/4 - श्रीलंका - 2014 
135 -  ऑस्ट्रेलिया - 2010 


2. विरोधियों के मन में खौफ पैदा नहीं कर पाए हमारे तेज गेंदबाज: 

प्रत्येक टीम के बाद ऐसे तेज गेंदबाज होते हैं जो विरोधी टीम को शुरुआत में ही झटके देकर दबाव बना सके। भारत के पास भी जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी जैसे विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज तो थे लेकिन वे अहम मौके पर चैंपियन वाला प्रदर्शन नहीं कर सके। पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच तो हम एक भी विकेट नहीं ले पाए। पूरे मैच में भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रहे। दूसरे मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ हम केवल दो विकेट ले पाए। ये दोनों विकेट बुमराह के खाते में गए। हालांकि इसके बाद कमजोर टीमों के खिलाफ अगले तीन मैचों में गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वह किसी काम का न रहा। क्योंकि शुरुआती दोनों मैच हारने के बाद ही टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने की आशंका पैदा हो गई थी। 

3. 5 दिग्गजों के मार्गदर्शन से कंफ्यूज हुए खिलाड़ी: 

टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर समीक्षा करने पर एक अहम कारण और निकलकर सामने आता है। वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम में इतने पावर सेंटर (कोच, मेंटर, बल्लेबाजी कोच, गेंदबाजी कोच, फील्डिंग कोच) बन गए थे कि खिलाड़ी कंफ्यूज हो गए थे कि किसकी सुनें और किसकी नहीं। किस रणनीति पर काम करें और किस पर नहीं। टीम इंडिया के रणनीतिकारों की बात करें तो कप्तान विराट कोहली और चीफ कोच रवि शास्त्री के अलावा बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर. श्रीधर शामिल रहे। ऊपर से वर्ल्ड कप के लिए महेंद्र सिंह धोनी को मेंटर बनाकर टीम के साथ जोड़ दिया गया। ये सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं और इनके पास खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग योजना होती थी। ऐसे में खिलाड़ियों के लिए यह समझना ही मुश्किल हो जाता था कि वह किसी रणनीति के तहत मैदान में उतरें।  

4. खराब प्रदर्शन के लिए बीसीसीआई भी जिम्मेदार: 

भारतीय खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं, व्यस्त कार्यक्रम के चलते उन पर थकान हावी हो रही थी। वर्ल्ड कप से ठीक पहले ज्यादातर खिलाड़ी आईपीएल (IPL) में खेल रहे थे। वर्ल्ड कप में टीम के बाहर होने के लिए बीसीसीआई (BCCI) भी उतना ही जिम्मेदार है जितने खिलाड़ी। बीसीसीआई ने क्रिकेट का पूरा शेड्यूल ही बिगाड़ दिया। उसका पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने में लगा रहा। टी20 वर्ल्ड कप से महज दो दिन पहले आईपीएल खत्म हुआ। वर्ल्ड कप जैसे बड़े मंच के लिए टीम को तैयारी करने के लिए उचित समय ही नहीं मिला। टीम इंडिया के लिहाज से देखें तो वर्ल्ड कप में भी टीम की शेड्यूलिंग खराब ही थी। पहले (24 अक्टूबर) और दूसरे मैच (31 अक्टूबर) के बीच 6 दिनों का अंतर था। इसके बाद अगले तीन मैच (3 नवंबर, 4 नंवबर और 8 नवंबर) एक के बाद एक खेले गए। कहा जा सकता है कि खराब शेड्यूलिंग के कारण भी टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ा। इसके अलावा टीम इंडिया ने अपनी अंतिम टी20 सीरीज मार्च 2021 में श्रीलंका के खिलाफ खेली थी। वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले हमें बड़ी टीमों के खिलाफ कुछ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने चाहिए थे। बोर्ड को यह समझना चाहिए था कि आईपीएल का दबाव अलग होता है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अलग।   

5. वर्ल्ड कप जैस बड़े मंच पर भी प्रयोग करने से पीछे नहीं हटे विराट: 

टी20 वर्ल्ड कप में टीम के सेमीफाइनल से बाहर होने के पीछे एक बड़ा कारण विराट कोहली के प्रयोग भी हैं। वर्ल्ड कप जैसे बड़े मंच पर भी विराट प्रयोग करने से पीछे नहीं हटे। बड़े टूर्नामेंट्स में टीम पहले से तय रणनीति के तहत मैदान में उतरती है। प्रत्येक खिलाड़ी की भूमिका पहले से तय होती है। लेकिन इसके बावजूद विराट ने वर्ल्ड कप जैसे बड़े मंच पर प्रयोग करने का जोखिम लिया। रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ी के क्रम से छेड़छाड़ की गई और उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे नंबर पर भेजा गया। जिसका नजीत ये हुआ कि वे उस मैच में फ्लॉप (14 रन, 14 गेंद) साबित हुए। हार्दिक पांड्या को अनफिट होने के बावजूद खिलाने का जोखिम उठाया, इसका नतीजा ये रहा कि वे पाक के खिलाफ गेंदबाजी नहीं कर पाए। भुवनेश्वर लंबे समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे थे इसके बावजूद उन्हें मौके दिए गए। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। वहीं अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी पर भरोसा न जताकर वरुण चक्रवर्ती जैसे युवा खिलाड़ी को मौका दिया गया, ये भी बड़ी भूल साबित हुई। बाद के मैचों में अश्विन को खिलाना टीम के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। 

टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत का सफरनामा:  

पहला मैच- पाकिस्तान ने 10 विकेट से हराया। 

दूसरा मैच- न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से हराया। 

तीसरा मैच- अफगानिस्तान को 66 रनों से हराया। 

चौथा मैच- स्कॉटलैंड को 8 विकेट से हराया। 

पांचवा मैच- नामीबिया को 9 विकेट से हराया। 

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