ऑनलाइन रमी प्रमोशन के लिए विराट कोहली को मिला केरल हाईकोर्ट का नोटिस, इस गेम के हैं ब्रांड एम्बेसडर

केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच की ओर से भेजे गए नोटिस में विराट कोहली (Virat Kohli) से जवाब मांगा गया है। विराट कोहली ऑनलाइन रमी गेम के ब्रांड एम्बेसडर हैं। कहा गया है कि वे इस खेल को प्रमोट कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 1:42 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क। केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच की ओर से भेजे गए नोटिस में विराट कोहली (Virat Kohli) से जवाब मांगा गया है। विराट कोहली ऑनलाइन रमी गेम के ब्रांड एम्बेसडर हैं। कहा गया है कि वे इस खेल को प्रमोट कर रहे हैं। विराट कोहली के साथ ही एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया और एक्टर अजू वर्गीज को भी नोटिस भेजा गया है। ये सभी ऑनलाइन रमी गेम के एम्बेसडर हैं।

केरल राज्य सरकार को भी भेजा गया नोटिस
इसके साथ ही केरल राज्य सरकार को भी इस मामले में नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच की ओर से भेजे गए नोटिस में राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।

इस शख्स ने की याचिका दायर
पॉली वडक्कण नाम के एक व्यक्ति ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस शख्स का कहना है कि राज्य में ऑनलाइन जुआ का खतरा काफी बढ़ रहा है। इसके चलते कम आय वाले लोग तेजी से पैसा कमाने के लिए इस तरह के गेम से जुड़ रहे हैं। लोग इस तरह के खेल में अपनी जमा पूंजी भी लगा दे रहे हैं। वडक्कण ने आरोप लगाया कि राज्य में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस तरह के खेल के चलते लोगों से धोखाधड़ी हुई है। 28 साल के एक युवक की कथित आत्महत्या के मामले का भी याचिका में जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि इसरो में काम करने वाला यह युवक ऑनलाइन रमी गेम के चक्कर में पड़ गया था और 21 लाख रुपए के कर्ज में आ गया था। जब कर्ज चुकाने का कोई जरिया नहीं दिखा तो उसने खुदकुशी कर ली।

और क्या कहा गया याचिका में
याचिका में कहा गया है कि विराट कोहली, तमन्ना भाटिया और वर्गीज जिन प्लेटफॉर्म को एंडोर्स करते हैं, वे फर्जी वादों के जरिए लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। ऐसे खेल में बड़ी रकम जीतने की संभावना बहुत कम होती है। याचिका में केरला गेमिंग एक्ट 1960 का भी जिक्र किया गया है। इसके बारे में कहा गया है कि ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी जैसी गतिविधियां इस कानून के दायरे में नहीं आती हैं। इस वजह से इन पर लगाम लगाना मुश्किल हो रहा है। याचिकाकर्ता ने कई हाईकोर्ट के आदेशों का भी उल्लेख किया है।

ऑनलाइन रमी पर बैन की मांग
याचिका में गुजरात और तमिलनाडु हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन्होंने राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर कानून बनाने का संभावना तलाशने को कहा है। वहीं, आंध्र प्रदेश में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए एक विधेयक लाया गया है। याचिकाकर्ता ने ऑनलाइन जुए वाले खेलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की है। 

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