
Women's Umpires Ranji Trophy. भारत की तीन महिलाओं वृंदा राठी, जननी नारायणन और गायत्री वेनुगोपालन ने 10 जनवरी को रणजी ट्रॉफी मैच में अंपायरिंग करके इतिहास रच दिया है। पूर्व क्रिकेटर गायत्री जमशेदपुर में झारखंड बनाम छत्तीसगढ़ के मैच में अंपायरिंग कर रही हैं। वहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर रह चुकी जननी नारायणन ने सूरत में रेलवे बनाम त्रिपुरा के मैच में अंपायरिंग की। जबकि वृंदा राठी ने गोवा बनाम पुडुचेरी के मैच में अंपायरिंग करके इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया है।
बीसीसीआई ने रचा इतिहास
बीसीसीआई ने पुरूष क्रिकेट में पहली बार महिलाओं से अंपायरिंग कराकर हिस्ट्री क्रिएट की है। 36 वर्षीय जननी ने अंपायर बनने के लिए कई बार तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन से कांटैक्ट किया था। 2018 में उन्होंने बीसीसीआई की लेवल 2 की अंपायरिंग परीक्षा भी पास की थी। इसके बाद 2021 में जननी ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अंपायरिंग करके शुरूआत कर दी।
आईसीसी ने की सराहना
32 साल की वृंदा राठी मुंबई की रहने वाली हैं और पहले वे स्कोरर की भूमिका निभाती रही हैं। 2013 में हुए महिला विश्व कप में भी वृंदा ने स्कोरर की भूमिका निभाई थी। जननी और राठी के अनुभव को देखते हुए ही उन्हें 2020 में आईसीसी के डेवलपमेंट अंपायरों के पैनल में जगह दी गई थी। यहां पर अंपायर कोच डेनिस बनर्स ने दोनों के काम की सराहना की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कौन हैं गायत्री वेनुगोपालन
दिल्ली की रहने वाली गायत्री वेनुगोपालन ने रणजी ट्रॉफी में चौथे अंपायर के तौर पर काम किया है और उन्होंने पहले क्रिकेटर बनने का सपना देखा था। गायत्री ने अंपायरिंग करके भारत के लिए नया इतिहास बनाया है। बीसीसीआई के साथ पंजीकृत कुल 150 अंपायरों में यह सिर्फ 3 महिला अंपायर ही शामिल हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में पहले से ही महिलाएं पुरूषों के मैच में अंपायरिंग कर रही हैं।
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