युवराज का टीम प्रबंधन पर गंभीर आरोप, कहा- वर्ल्डकप-2015 खेलना चाहता था लेकिन इस वजह से चूक गया

 पूर्व भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह ने टीम प्रबंधन पर समर्थन ना देने का आरोप लगाया है। युवराज ने कहा कि करियर के अंतिम पड़ाव में मैनेजमेंट ने उन्हें काफी निराश किया। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2019 8:51 AM IST

नई दिल्ली. पूर्व भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह ने टीम प्रबंधन पर समर्थन ना देने का आरोप लगाया है। युवराज ने कहा कि करियर के अंतिम पड़ाव में मैनेजमेंट ने उन्हें काफी निराश किया। उन्होंने कहा कि 2011 के वर्ल्डकप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद वे 2015 वर्ल्डकप में भी खेलना चाहते थे लेकिन टीम प्रबंधन ने उनका साथ नहीं दिया।

एक चैनल से बातचीत में युवराज ने कहा, ''मुझे दुख होता है कि 2011 के बाद मैं एक और वर्ल्डकप नहीं खेल सका। टीम प्रबंधन और इससे जुड़े लोगों से मुझे मुश्किल से ही कोई सहयोग मिला। अगर उस तरह का समर्थन मुझे मिलता तो शायद मैं 2015 में खेल लिया होता। 

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'मेरा कोई गॉडफादर नहीं था'
उन्होंने कहा, मैंने जो क्रिकेट मैंने खेला, वो अपने दम पर खेला। मेरा कोई 'गॉडफादर' नहीं था। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया था लेकिन फिर भी उनकी अनदेखी की गई। युवराज ने कहा कि टीम प्रबंधन को उनसे पीछा छुड़ाने के तरीके ढूंढने के बजाय उनके करियर के संबंध में स्पष्ट बात करनी चाहिए था।

'9 मैच में 2 बार मैन ऑफ द मैच बना, फिर भी कर दिया बाहर'
युवराज ने कहा, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे 2017 चैम्पियंस ट्राफी के बाद आठ से नौ मैच में से दो में मैन आफ द मैच बनने के बाद भी टीम से बाहर कर दिया जाएगा। मैं चोटिल हो गया और मुझे श्रीलंका सीरीज की तैयारी के लिए कहा गया।''

मैंने यो-यो टेस्ट पास किया- युवराज
उन्होंने कहा, ''अचानक ही मुझे वापस आना पड़ा और 36 साल की उम्र में यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। यहां तक कि इसे पास करने के बाद भी मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने को कहा गया। उन्हें ऐसा लगा था कि मैं इस उम्र में इस टेस्ट को पास नहीं कर पाऊंगा। इससे उनके लिए मुझे बाहर करने में आसानी हो जाती।

युवराज ने कहा, ''मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि जिस खिलाड़ी ने 15-16 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला हो, उसे आपको सीधे बैठकर बात करनी चाहिए। किसी ने भी मुझे कुछ नहीं कहा, न ही किसी ने वीरेंद्र सहवाग या जहीर खान से ऐसा कहा गया।''

उन्होंने कहा कि उन्हें खेल से संन्यास लेने के समय को लेकर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, ''मेरे दिमाग में कई चीजें चल रहीं थीं। वर्ल्डकप शुरू हो गया था और टीम आगे बढ़ रही थी। मैं भारत से बाहर कुछ क्रिकेट खेलना चाहता था। जिदंगी आगे नहीं बढ़ रही थी, यह तनावपूर्ण था।''

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