दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई मुद्दे गर्म हैं। नागरिकता कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
नई दिल्ली। विधानसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ केंद्र शासित राज्य में 70 सीटों के चुनाव के लिए जबरदस्त माहौल बना हुआ है। चुनाव में कई मुद्दे गर्म हैं। नागरिकता कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। यहां के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में कई दिनों से केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है। बीजेपी विरोधी तमाम दल प्रोटेस्ट का समर्थन कर रहे हैं।
सोमवार रात को बीजेपी ने एक वीडियो जारी कर प्रोटेस्ट को साजिश करार दिया। आरोप लगाया कि शाहीन बाग धरने के पीछे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हाथ है। नागरिकता कानून के मसले पर जारी प्रोटेस्ट मुसलमानों को बरगलाने, सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश है। इससे पहले भी कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि शाहीन बाग धरना प्रायोजित है और प्रदर्शनकारियों को फाइनेंस किया जा रहा है।
क्या है वीडियो में?
दो मिनट 54 सेकेंड के वीडियो को दिल्ली बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी करते हुए लिखा गया, "शाहीन बाग का कड़वा सच। यह नहीं देखा तो क्या देखा। #JhoothiAAPSarkar"। वीडियो में दिल्ली का एक दाढ़ी वाला व्यक्ति नजर आ रहा है। वो आरोप लगा रहा है कि नागरिकता कानून का विरोध सिर्फ बीजेपी की खिलाफत करने के लिए किया जा रहा है।
शख्स कह रहा है, "नागरिकता कानून के विरोध में केजरीवाल का हाथ है। केजरीवाल इसको सपोर्ट कर रहे हैं। इनको (शाहीन बाग के प्रोटेस्टर्स को) खाना मुहैया करा रहे हैं। पैसे दे रहे हैं। हर तरीके से संरक्षण दे रहे हैं तब जाकर ये लोग बैठे हैं। इनको (आम आदमी पार्टी और विपक्ष) मालूम है कि हम लोग कुछ कर तो सकते नहीं बस सरकार के खिलाफ इलैक्शन तक ऐसी हवा बनाई जाए कि लोगों को ये लगाने लगे कि बीजेपी दिल्ली के अंदर मुसलमानों की विरोधी है।" वीडियो में कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा गया है।
पूरा वीडियो नीचे ट्वीट में सुन सकते हैं :-
इससे पहले रविवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने भी नागरिकता कानून के मसले को लेकर अरविंद केजरीवाल पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। उधर, केजरीवाल ने नागरिकता कानून का विरोध किया है और उन्होंने कहा था कि ये कानून भारत और संविधान के लिए ठीक नहीं है।
दिल्ली में इस वक्त केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है। 70 सदस्यीय विधानसभा में पिछली बार आप के 67 सदस्य चुनाव जीते थे। इस बार चुनाव में आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोरदार संघर्ष देखने को मिल रहा है। 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।