भाजपा को बड़ा झटका, शिवसेना के बाद अब इस पुराने साथी ने छोड़ा साथ, दिल्ली में अकेले लड़ेगी चुनाव

 दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। एनडीए में शामिल भाजपा की पुरानी सहयोगी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अलग लड़ने का फैसला किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2020 2:08 PM IST / Updated: Jan 20 2020, 08:04 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। एनडीए में शामिल भाजपा की पुरानी सहयोगी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अलग लड़ने का फैसला किया है। पहला माना जा रहा था कि अकाली को भाजपा गठबंधन में सीट मिल सकती है। लेकिन भाजपा ने जदयू को 2 और लोजपा को 1 सीट देने का ऐलान किया, लेकिन अकाली दल को इसमें सीट नहीं दी गई।

शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिरसा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा, अकाली दल और भाजपा का पुराना रिश्ता रहा है। लेकिन सुखबीर बादल जी का कहना है कि CAA में सभी धर्मों को शामिल किया जाए। लेकिन भाजपा इस स्टैंड को बदलने के लिए कह रही है। इसलिए हमने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

'एनआरसी लागू नहीं होनी चाहिए'  
अकाली दल का मानना है कि देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए। हम CAA का समर्थन करते हैं, लेकिन इसमें किसी भी धर्म को बाहर नहीं रखना चाहिए। 

नीतीश की पार्टी को मिली 2 सीटें
मनोज तिवारी ने बताया कि जदयू को 2 सीटें संगम बिहार और बुराड़ी सीट दी गई है। वहीं, लोजापा को सीमापुरी सीट दी गई है। तिवारी ने कहा, जल्द ही बाकी की 10 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हो जाएगा। दरअसल, भाजपा ने 57 सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। 

दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान, 13 को नतीजे
दिल्ली में एक चरण में चुनाव होगा। 8 फरवरी को मतदान होगा। 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। दिल्ली में 70 सीटों में से 58 सामान्य के लिए हैं, जबकि 12 एससी हैं। यहां एसटी के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। अभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है।

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