आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह-मात का खेल जारी है। ऐसे में दिल्ली की कई सीटें हैं, जहां आधी आबादी यानी महिलाओं कैंडिडेट की साख दांव पर लगी है।
नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने लिए प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह-मात का खेल जारी है। ऐसे में दिल्ली की कई सीटें हैं, जहां आधी आबादी यानी महिलाओं कैंडिडेट की साख दांव पर लगी है।
शिवानी बनाम आतिशी- कालकाजी विधानसभा सीट पर दो महिला कैंडिडेट आमने-सामने हैं। कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा हैं तो आम आदमी पार्टी से आतिशी मार्लिना मैदान में उतरी हैं। वहीं, बीजेपी से धर्मवीर सिंह किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर केजरीवाल ने अपने मौजूदा विधायक अवतार सिंह का टिकट काटकर आतिशी को उतारा है जबकि कांग्रेस शिवानी के पिता सुभाष इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं।
पूनम आजाद- दिल्ली के संगम विहार सीट पर कांग्रेस से दिल्ली चुनाव समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद पत्नी पूनम आजाद मैदान में उतरी है जिनके खिलाफ जेडीयू से डॉ. एससीएल गुप्ता और आम आदमी पार्टी से दिनेश मोहनिया ताल ठोक रहे हैं। पूर्वांचली बहुल इस सीट पर AAP के मोहनिया मौजूदा समय में विधायक हैं जबकि एससीएल गुप्ता पहले विधायक रह चुके हैं।
अलका लांबा बनाम सुमन- चांदनी चौक विधानसभा सीट पर दो महिलाएं आमने-सामने हैं। कांग्रेस से अलका लांबा मैदान में हैं तो बीजेपी से सुमन गुप्ता चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर चार बार के विधायक रहे प्रह्लाद साहनी को उतारा है। 2015 में अलका लांबा AAP से जीतकर विधायक चुनी गई थी, लेकिन केजरीवाल के खिलाफ बगावत कांग्रेस का दामन थाम लिया हैं और एक बार फिर चुनावी मैदान में है।
बंदना बनाम रेखा- शालीमार बाग विधानसभा सीट पर भी दो महिला प्रत्याशियों के बीच सियासी संग्राम है। आम आदमी पार्टी से बंदना कुमारी मैदान में उतरी हैं तो बीजेपी से रेखा गुप्ता चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस से जेएस नयोल चुनावी ताल ठोक रहे हैं। 2015 में यह सीट आम आदमी पार्टी जीतने में कामयाब रही थी।