गोकलपुर सीट: आप के सुरेंद्र कुमार ने बीजेपी के रंजीत सिंह को हराया

दिल्ली विधानसभा की गोकलपुर सीट (Gokalpur assembly constituency) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसे 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में बनाया गया था। यह नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बसपा, बीजेपी और आप के कैंडिडेट एक बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2020 5:07 PM IST / Updated: Feb 11 2020, 05:11 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की गोकलपुर सीट (Gokalpur assembly constituency) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसे 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में बनाया गया था। यह नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बसपा, बीजेपी और आप के कैंडिडेट एक बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार आप के सुरेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी के रंजीत सिंह दूसरे नंबर पर रहे।

पहली बार बसपा ने दी थी कांग्रेस को मात
साल 2008 में बनी इस सीट पर मुख्य मुकाबला बसपा और कांग्रेस के बीच था। जिसपर बसपा के सुरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के बलजोर सिंह को 3057 वोट से हराया था। सुरेंद्र को कुल 27,499 और बलजोर सिंह को 24,442 वोट मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर बीजेपी के रंजीत सिंह को 23,364 वोट मिले थे।

बीजेपी के खाते से आप ने छीन ली थी ये सीट
2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के रंजीत सिंह ने 34,888 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। आप के देवी दयाल 29,633 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार ने 32,966 वोटों के साथ जगह बनाई थी। लेकिन 2015 के चुनाव में आप ने अपना उम्मीदवार बदल दिया। देवी दयाल की जगह फतेह सिंह को चुनाव मैदान में उतारा जबकि बीजेपी ने अपने उम्मीदवार में फेरबदल नहीं किया। यहीं पर आप को फायदा हुआ और फतेह सिंह 71,240 वोट के साथ विजेता बने। जबकि बीजेपी के रंजीत सिंह को 39,272 और बसपा के सुरेंद्र कुमार को 30,080 वोट से संतोष करना पड़ा। 

गोकलपुर दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में पड़ता है। यह अभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। पहले यह ग्रामीण क्षेत्र था। वैसे, यह अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां राम मंदिर और हनुमान मंदिर स्थित हैं। सबसे प्रसिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर है, जहां काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
 

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