महरौली सीट: आप के नरेश यादव ने बीजेपी की कुसुम खत्री को दी मात

दिल्ली विधानसभा की महरौली सीट (Mehrauli assembly constituency) सामान्य सीट है। इसे 1952 में बनाया गया था। यह साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बीजेपी के कैंडिडेट 6 बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2020 8:14 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 06:56 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की महरौली सीट (Mehrauli assembly constituency) सामान्य सीट है। इसे 1952 में बनाया गया था। यह साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बीजेपी के कैंडिडेट 6 बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार आप के नरेश यादव ने जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी को कैंडिडेट बदलने का भी फायदा नहीं हुआ और कुसुम खत्री दूसरे नंबर पर रहीं।  

पहली बार जनता पार्टी ने कांग्रेस को दी थी मात
साल 1952 में बनी इस सीट पर मुख्य मुकाबला जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच था। जिसपर जनता पार्टी के कालका दास ने कांग्रेस के पूरन को 10,169 वोटों से हराया था। कालका दास को कुल 16,457 और पूरन को 6,288 वोट मिले थे।

2015 में आप ने बीजेपी से छीनी थी ये सीट  
2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के परवेश ने 37,481 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। जबकि आप के नरिंदर 32,917 वोट के साथ दूसरे नंबर और कांग्रेस की डॉ योगना 21,494 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहीं थीं। 2015 के चुनाव में भी आप ने बाजी मारी। नरेश यादव 58,125 वोटों के साथ विजयी हुए। जबकि बीजेपी की सरिता को 41,174 और कांग्रेस के सतबीर को 12,065 वोट से संतोष करना पड़ा।

कहा जाता है कि महरौली दिल्ली से भी पहले  बना शहर है। यहां  करीब सैकड़ों हेरिटेज स्थल आज भी मौजूद हैं। यहां स्थित कुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था, जिसने गुलाम वंश की स्थापना की थी। अपने जीवन काल में वह कुतुब मीनार को पूरा नहीं बनवा सका। इसे पूरा करने का काम उसके गुलाम दामाद इल्तुतमिश ने किया। इल्तुतमिश रजिया सुल्तान का पति भी था। 
 

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