दिल्ली की जंग में वंशवाद का बोलबाला, सबसे ज्यादा कांग्रेस के टिकट पर उतरे हैं नेताओं के 'घरवाले'

दिल्ली विधानसभा के अगले महीने होने वाले चुनाव में कई नेताओं के परिजन मैदान में उतरे हैं जिनमें उनकी पत्नियां, बेटियां, पुत्रवधू और बेटे तथा भाई शामिल हैं। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नेताओं के वंशजों को उतारा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 7:15 AM IST / Updated: Mar 04 2020, 02:29 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के अगले महीने होने वाले चुनाव में कई नेताओं के परिजन मैदान में उतरे हैं जिनमें उनकी पत्नियां, बेटियां, पुत्रवधू और बेटे तथा भाई शामिल हैं। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नेताओं के वंशजों को उतारा है।

कालकाजी से कांग्रेस की उम्मीदवार शिवानी चोपड़ा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी हैं, वहीं दिल्ली के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह आर के पुरम सीट से किस्मत आजमा रही हैं। दिल्ली कांग्रेस के प्रचार समिति प्रमुख कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को संगम विहार से कांग्रेस ने अपना ने प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला आप विधायक दिनेश मोहनिया तथा जदयू के एस सी एल गुप्ता से होगा।

कहीं पत्नी, कहीं बहू तो कहीं बेटी है उम्मीदवार 
पूनम (53) ने 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ ताल ठोकी थी और हार गयी थीं। नवंबर 2016 में उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया और पार्टी में अलग-थलग किये जाने का आरोप लगाया। वह आप में शामिल हो गयीं लेकिन पांच महीने बाद ही अप्रैल 2017 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया।

उनके ससुर और कीर्ति आजाद के पिता भगवत झा आजाद 1988-89 में बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वह कांग्रेस से जुड़े थे। पूनम के पति और बिहार की दरभंगा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद रहे कीर्ति आजाद को पार्टी ने 2015 में बर्खास्त कर दिया था। आजाद ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित अनियमितताओं का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था जिसके प्रमुख तब पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली थे।

बीजेपी की भी नई पीढ़ी मैदान में 

प्रियंका सिंह आप की प्रमिला टोकस तथा भाजपा के अनिल शर्मा के खिलाफ आर के पुरम सीट से चुनाव मैदान में हैं। दिल्ली महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष सिंह (41) 2008 से राजनीति में सक्रिय हैं। पहले दो कार्यकाल में महरौली सीट से विधायक निर्वाचित हुए शास्त्री तीसरे कार्यकाल में मालवीय नगर से किस्मत आजमा रहे हैं।

भाजपा में भी राजनीतिक परिवारों की नयी पीढ़ियां किस्मत आजमा रही हैं। तिलक नगर से पार्टी ने राजीव बब्बर को उतारा है। वह तीन बार विधायक चुने गये ओ पी बब्बर के बेटे हैं। ओ पी बब्बर तीन बार तिलक नगर सीट से विधायक रहे हैं।

मुख्यमंत्रियों के भी रिश्तेदार 

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के भाई आजाद सिंह मुंडका से भाजपा उम्मीदवार हैं। वह पश्चिम दिल्ली के लोकसभा सदस्य प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के चाचा भी हैं। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की पत्नी प्रीति तोमर को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पहले जितेंद्र के नाम की घोषणा हुई थी लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में शैक्षणिक योग्यता के संबंध में झूठी जानकारी देने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके निर्वाचन को हाल ही में समाप्त कर दिया था जिसके बाद अंतिम मौके पर प्रीति की उम्मीदवारी की घोषणा की गयी।

(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट न्यूज हिन्दी ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

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