राजौरी गार्डेनः आप पार्टी के आगे बीजेपी हुई धराशायी, धनवंती चंदकला ने 22 हजार वोटों से मारी बाजी

राजौरी गार्डेन सीट से आप की उम्मीदवार धनवती चंदकला ने बीजेपी के रमेश खन्ना को 22 हजार से अधिक वोटों से हराया है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से अमनदीप सिंह सुदान चुनावी मैदान में थे। लेकिन जनता ने कांग्रेस पार्टी को नकार दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2020 12:13 PM IST / Updated: Feb 11 2020, 07:08 PM IST

नई दिल्ली. राजौरी गार्डेन सीट से आप की उम्मीदवार धनवती चंदकला ने बीजेपी के रमेश खन्ना को 22 हजार से अधिक वोटों से हराया है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से अमनदीप सिंह सुदान चुनावी मैदान में थे। लेकिन जनता ने कांग्रेस पार्टी को नकार दिया है। जिससे यह पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई है। ये सीट सामान्य सीट है और वेस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में शामिल है। इस सीट पर कांग्रेस ने लगातार पांच बार चुनाव जीता है। जबकि बीजेपी ने एक और उसके सहयोगी अकाली दल ने एक बार जीत हासिल की है। वहीं, आम आदमी पार्टी को भी एक बार जीत हासिल हुई है। 

कांग्रेस का रहा है अभेद्य किला 

विधानसभा के गठन के बाद 1993 से लेकर 2008 तक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का बोलबाला रहा है। जिसमें कांग्रेस पार्टी के पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने लगातार 3 बार जीत हासिल की। जबकि 2004 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रमेश लांबा को जीत मिली। फिर 2008 में हुए आम विधानसभा में कांग्रेस के दयानंद चांडिल को जीत मिली। लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के मजिंदर सिंह सिरसा ने जीत हासिल की। जिसके बाद  2015 में जरनैल सिंह ने आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। वहीं, 2017 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया है। 

यह है 2015 का गणित 

2015 के चुनाव मे आप के उम्मीदवार जरनैल सिंह को 54,916 वोट मिले थे। जबकि शिरोमणि अकाली दल के कैंडिडेट मनजिंदर सिंह सिरसा को 44,880 मत मिले थे, बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए। जबकि कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार रही मीनाक्षी चंदेला को 14,167 वोट मिले थे। ऐसे में एक बार फिर अपने ही गढ़ में कांग्रेस पार्टी वापसी करना चाहती है। वहीं, बीजेपी को उम्मीद है कि उसका इस सीट पर कब्जा बरकरार रहेगा। 

राजौरी गार्डन पश्चिमी दिल्ली में स्थित प्रमुख रेजिडेंशियल और मार्केट एरिया है। यहां का नेहरू मार्केट काफी प्रसिद्ध है। यह एक पॉश इलाका माना जाता है। यहां ज्यादातर पंजाबी समुदाय के लोग रहते हैं, जो विभाजन के बाद भारत आ गए थे। यहां कई बड़े मॉल और पीवीआर हैं। यहां कई गुरुद्वारे भी हैं।

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