
नई दिल्ली। शाहदरा विधानसभा सीट (Shahdara assembly constituency) ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट का हिस्सा है। शाहदरा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राम निवास गोयल जीत गए हैं। गोयल ने बीजेपी के उम्मीदवार संजय गोयल को हराया। रामनिवास को 62103 वोट मिले, जबकि संजय गोयल को 56809 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस के प्रत्याशी नरेन्द्र नाथ को 4474 वोट प्राप्त हुए। शाहदरा सामान्य सीट है और दिल्ली की 70 सीटों में काफी अहम है। आम आदमी पार्टी के आने से पहले इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा कांटे की टक्कर रही है। 2015 में आप ने इस सीट पर जीत हासिल की। आप के मौजूदा विधायक राम निवास गोयल 1993 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर यहां से विधायक बने थे।
2013 तक शाहदरा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुक़ाबला होता रहा है। मगर 2015 में आप ने गणित बदल दी। आप ने बीजेपी के साथ सीधे मुक़ाबले में ये सीट जीती और कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई। पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र नाथ को महज 9 हजार से कुछ ज्यादा वोट मिले थे।
दुनियाभर में इस एक चीज के लिए भी मशहूर है शाहदरा
शाहदरा पहले एक गांव था। आज इसका दायरा बहुत बड़ा हो चुका है और यह दिल्ली के प्रमुख इलाकों में एक है। दिल्ली के पुराने बसे गांवों में शाहदरा सैकड़ों सालों से थोक बाजार का प्रमुख हब रहा है। इसका जुड़ाव उत्तर प्रदेश के बागपत से भी रहा है। शाहदरा का मानसिक चिकित्सालय देश भर में विख्यात है। शाहदरा को 16वीं सदी में चंद्रावली गांव के नाम से जाना जाता था। शाहदरा दिल्ली के सबसे पुराने उपनगरों में से एक है। यहां अनाज के बड़े-बड़े गोदाम और अनाज के बाजार थे। यहां से यमुना नदी के जरिए अनाज पहड़गंज भेजे जाते थे। कहा जाता है कि शाहजहां के समय शाहदरा का विकास हुआ। यहां का झारखंडी शिव मंदिर दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है।
शाहदरा पहले एक गांव था। आज इसका दायरा बहुत बड़ा हो चुका है और यह दिल्ली के प्रमुख इलाकों में एक है। दिल्ली के पुराने बसे गांवों में शाहदरा सैकड़ों सालों से थोक बाजार का प्रमुख हब रहा है। इसका जुड़ाव उत्तर प्रदेश के बागपत से भी रहा है। शाहदरा का मानसिक चिकित्सालय देश भर में विख्यात है। शाहदरा को 16वीं सदी में चंद्रावली गांव के नाम से जाना जाता था। शाहदरा दिल्ली के सबसे पुराने उपनगरों में से एक है। यहां अनाज के बड़े-बड़े गोदाम और अनाज के बाजार थे। यहां से यमुना नदी के जरिए अनाज पहड़गंज भेजे जाते थे। कहा जाता है कि शाहजहां के समय शाहदरा का विकास हुआ। यहां का झारखंडी शिव मंदिर दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है।