बंगाल हिंसा पर बोले CJI, राजनीतिक स्कोर बराबर करने के लिए टीवी चैनल में जाएं, कोर्ट का इस्तेमाल न करें

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच लंबे समय से हिंसा का दौर जारी है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों दलों के वकीलों पर कड़ी टिप्पणी की है। सीजेआई ने कहा सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल अपने राजनीतिक मसलों को निपटाने के लिए कर रहे हैं। CJI ने कहा कि बेहतर होगा कि आप टीवी स्क्रीन पर अपना स्कोर बराबर करें।

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच लंबे समय से हिंसा का दौर जारी है। जिसके बाद यह मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जिसमें बीजेपी प्रवक्ता की ओर से याचिका दाखिल की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने तल्ख टिप्पणी की है। सुनवाई करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल अपने राजनीतिक मसलों को निपटाने के लिए कर रहे हैं। CJI ने कहा कि बेहतर होगा कि आप टीवी स्क्रीन पर अपना स्कोर बराबर करें।

क्या कहा कोर्ट ने?

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बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा के मसले पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई के लिए एक ओर से गौरव भाटिया और दूसरी ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए। याचिका में लगातार बीजेपी नेताओं की हत्या का मामला उठाया गया। इसी पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हमें दिख रहा है कि दो विपक्षी दल कोर्ट का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्कोर को बराबर करने में कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि बेहतर होगा कि दोनों एक टीवी चैनल में जाएं और अपने राजनीतिक स्कोर को बराबर करें। 

बंगाल सरकार को जारी की गई नोटिस 

कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए। उन्होंने अदालत से अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मसले को जांचना चाहिए कि क्या किसी राजनीतिक पार्टी इस तरह की PIL दाखिल करनी चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस याचिका पर बंगाल सरकार को नोटिस दिया है और चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। याचिका दायर की गई थी कि बीजेपी नेता दुलाल कुमार की हत्या के पीछे राजनीतिक मंशा थी, अब इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए। 

पंचायत चुनाव से जारी है बंगाल में हिंसा

पश्चिम बंगाल में पिछले लंबे समय से राजनीतिक हिंसा बढ़ी है। पहले पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान कई मौकों पर टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने आए। कई बार कार्यकर्ताओं ने पोलिंग बूथों को लूटा तो देसी बम फेंक कर हमला किया। पिछले कुछ समय में बंगाल में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले भी सामने आए हैं। जिस पर बीजेपी ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया। वहीं, टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी बंगाल में पैर पसारने के लिए माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है।

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