दिल्लीः प्रचार में आप और कांग्रेस साबित हुए फिसड्डी; 23 दिन तक BJP के 100 बड़े दिग्गजों ने संभाला मोर्चा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में तारीखों के ऐलान के बाद से चुनावी प्रचार ने जोड़ पकड़ा था। प्रचार के 23 दिनों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा रैलियां और नुक्कड़ सभाएं की हैं। जबकि प्रचार में आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर रही। वहीं, कांग्रेस सबसे पीछे दिखाई दी। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2020 5:00 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी जारी चुनाव प्रचार गुरुवार देर शाम थम गया है। जिसके बाद से अब नेता घर-घर जाकर वोटरों से संपर्क कर रहे हैं। 8 फरवरी को विधानसभा के 70 सीटों पर मतदान होना है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से चुनावी प्रचार ने जोर पकड़ा था। जिसके बाद से इन 23 दिनों में भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पूरा दमखम दिया। 

भाजपा ने पार्टी के 100 दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था। वैसे गृह मंत्री अमित शाह ने अधिसूचना से करीब 25 दिन पहले ही द्वारका में भारत वंदना पार्क के उद्घाटन से चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया था। इसके बाद वह प्रचार के आखिरी चरण तक जनसंपर्क करते रहे और रैलियां कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो रैलियां कीं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन बड़े रोड शो किए। इसके अलावा रोज छोटी-छोटी संभाएं की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य कारणों से एक भी रैली नहीं की। प्रचार के आखिरी चरण में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने चार-चार चुनावी रैलियां कीं।

भाजपा ने की 4500 नुक्कड़ सभाएं, पीएम की दो रैलियां

भाजपा सूत्रों ने बताया था कि पार्टी के दोनों सदनों के 370 सांसद दिल्ली में चुनाव प्रचार करेंगे। सभी संसद की कार्यवाही के बाद रोज रात विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भाजपा के लिए वोट मांगेंगे। यह पार्टी की नुक्कड़ सभाओं का हिस्सा होगा। भाजपा ने 23 दिन में 4500 नुक्कड़ सभाएं कीं। इससे देशभर से दिल्ली में आए सांसद जुड़ते भी गए। इसके पहले पार्टी ने 9 केंद्रीय मंत्रियों, 35 पदाधिकारियों, 6 मुख्यमंत्रियों, 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों, 8 सांसदों, 38 पूर्व मंत्री-सांसदों को प्रचार में लगाया।

शाह और केजरीवाल दिखे सबसे सक्रिय 

आप- आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री केजरीवाल के नाम पर चुनाव लड़ रही है। उनके बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह ही ज्यादा सामने दिखे। 

भाजपा- प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी मैदान में सक्रिय रहे, लेकिन चुनाव की पूरी कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली। मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। 

कांग्रेस- सुभाष चोपड़ा 106 दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष बने। उनसे पहले 3 महीने तक पद खाली रहा। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के निधन से भी कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं बचा। अंतिम दो दिनों में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रचार किया। 

स्टार प्रचारकों में भी बीजेपी आगे 
 
आप- आप ने 39 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था। इनमें से 18 चुनाव मैदान में हैं। 6 नामी चेहरे- जिनमें केजरीवाल, सिसोदिया और संगीतकार विशाल डडलानी शामिल हैं।

भाजपा- 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया। इनमें पीएम मोदी, पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, मनोज तिवारी, निरहुआ  समेत अन्य हैं। दो स्टार प्रचारकों अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा पर आपत्तिजनक बयान के कारण प्रचार की पाबंदी लगी।

कांग्रेस- कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारक घोषित किए थे, लेकिन इनमें से कुछ ही नेता विधानसभा क्षेत्रों में दिखे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन निजी कारण बताकर विदेश चले गए। जिसके कारण चुनावी प्रचार में कांग्रेस सबसे पीछे दिखी। 

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