निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले के चारों दोषियों द्वारा फांसी को टालने के लिए कानून से खिलवाड़ करने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। इसके साथ ही तिहाड़ जेल द्वारा पटियाला कोर्ट में दाखिल की याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आज यानी शुक्रवार को केंद्र सरकार के उस तर्क की समीक्षा की। जिसमें निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले के चारों दोषियों द्वारा फांसी को टालने के लिए कानून से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख तय की है। जिसमें अब 11 फरवरी को सुनवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं देने का निर्देश दिया गया है।
पटियाला कोर्ट जारी कर सकता है डेथ वारंट
तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी करने के लिए तिहाड़ जेल में याचिका दाखिल की है। जिस पर आज यानी शुक्रवार को कोर्ट सुनवाई करेगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही की कोर्ट द्वारा मौत का नया पैगाम जारी किया जा सकता है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने गुरुवार को जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के सामने इस याचिका को दाखिल किया और जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। नटराज ने कहा कि चारों दोषियों की पुनर्विचार व सुधारात्मक याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं और तीन की दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं। इसके बावजूद तिहाड़ जेल प्रशासन चारों दोषियों को फांसी नहीं दे पा रहा है।
हाईकोर्ट ने दोषियों को दी थी 7 दिन की मोहलत
बुधवार को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को दरकिनार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें चारों दोषियों की फांसी की सजा को अगले आदेश तक टाल दिया गया था। हालांकि हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को सात दिनों के भीतर तमाम कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था। बुधवार को ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी थी।
डेथ वारंट के लिए फिर कोर्ट पहुंचा जेल प्रशासन
निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन गुरुवार को एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट का रूख किया और नया डेथ वारंट जारी करने की अर्जी दाखिल की। कोर्ट ने सभी दोषियों से शुक्रवार तक जवाब दायर के निर्देश दिए हैं, ताकि अदालत इस मामले में कार्यवाही को आगे बढ़ा सके। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ की अपील पर संज्ञान लेते हुए कहा कि चारों दोषी अपने कानूनी उपायों को लेकर शुक्रवार तक जवाब दायर करें और बताएं की क्या किसी दोषी की कोई याचिका लंबित है या नहीं।
दो बार लग चुकी है रोक
निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जारी दो बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। दोनों बार दोषियों ने कानून दांव पेंच का प्रयोग कर फांसी को टाल दिया। गौरतलब है कि कोर्ट द्वारा जारी किए गए डेथ वारंट में पहले 21 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी। लेकिन दोषियों ने फांसी को टलवा दिया। जिसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फरवरी को मौत की नई तारीख तय की थी। लेकिन दोषियों के पैंतरे बाजी के कारण कोर्ट ने 31 जनवरी को फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी।
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
लगातार दो बार फांसी टलने के बाद केंद्र सरकार ने पटियाला कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिसमें केंद्र सरकार ने मांग किया कि जिन दोषियों के सभी कानून विकल्प खत्म हो चुके हैं, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों के सामने 7 दिन का समय रख दिया। जिसमें उन्हें सभी कानूनी विकल्पों का प्रयोग करना है।