कौन है मोरबी हादसे में मसीहा बना वो शख्स, जिसे बीजेपी ने दिया विधायक का टिकट, जिसने काटा मंत्री का पत्ता

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 160 प्रत्याशियों के नाम की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में कई नए चेहरों को टिकट दिया गया है। सबसे चौंकाने वाला नाम कांतिलाल अमृतिया का है, जिन्होंने हाल ही में मोरबी त्रासदी में एक मसीहा की तरह काम किया था। वह मोरबी पुल हादसे में लोगों को बचाने के लिए नदी में कूद गए थे।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 10, 2022 10:09 AM IST / Updated: Nov 10 2022, 03:44 PM IST

अहमदाबाद . Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधरी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने ने अपने कैंडिडेस्ट की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में 160 प्रत्याशियों के नाम हैं। जिसमें क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा से लेकर हार्दिक पटेल के नाम शामिल हैं। वहीं इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम विधायक कांतिलाल अमृतिया का है, जिन्हें बीजेपी ने मोरबी से अपना उम्मीदवार बनाया है। कांतिलाल वही शख्स हैं जिन्होंने मोरबी केबल पुल टूटने पर एक मसीहा की तरह काम किया था। उन्होंने माच्छू नदी में कूदकर डूबते हुए दर्जनों लोगों को मौत के मुंह से बचाया है। शायद बीजेपी ने उन्हें यही इनाम दिया है।

अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में लगा दी थी छलांग
दरअसल, भाजपा ने कांतिलाल अमृतिया को मोरबी विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। कांति की लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक और प्रदेश सरकार में बतौर मंत्री बृजेश मरेजा का टिकट काट दिया है। बीजेपी की कांतिलाल को टिकट देने की सबसे बड़ी वजह  मोरबी के केबल ब्रिज हादसे में छाप छोड़ना है। जहां उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में छलांग लगा दी और पानी में डूबते हुए लोगों को मरने से बचाया। जबकि जहां पर कूदे से थे उस जगह पर पानी की गहराई कहीं ज्यादा थी। इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी चिंता नहीं की और लोगों को बचाने के लिए एक मसीही की तरह टूट जुट गए थे। इसके अलावा उन्होंने जल्द रेस्क्यू के लिए वीडियो भी पोस्ट किया था।

कौन हैं बीजेपी के मोरबी से उम्मीदवार कांतिलाल अमृतिया
बता दें कि कांतिलाल अमृत्या भाजपा के पुराने नेता हैं, इससे पहले उन्हें 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिला था। जहां उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। हालांकि दो साल बाद 2014 में एक विवाद के चलते उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक युवक पर रॉड से पिटाई करते नजर आए थे। इस मामले पर विवाद इतना बढ़ गया था कि उन्हें अपनी गलती पर माफी मांगनी पड़ी थी। फिर  2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांति पर भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनया, लेकिन वह कांग्रेस के प्रत्याशी से चुनाव का हार गए थे।  उनको हराने वाले कोई और नहीं बृजेश मेरजा थे। तब बृजेश मेरजा कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में बीजेपी ज्वाइन कर ली और कैबिनेट मंत्री बनाए गए।

आखिर क्यों बीजेपी ने काटा मंत्री का टिकट और कांति पर जताया भरोसा
मोरबी विधानसभ सीट वैसे तो भाजपा का गढ़ माना जाता है, जहां पाटीदारों की संख्या सबसे ज्यादा है। लेकिन 30 अक्टूबर को मोरबी में केबल ब्रिज त्रासदी हो गई। जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई। इसी वजह से भाजपा को लगने लगा कि कहीं इस बार के चुनावी समीकरण मोरबी पुल हादसे की वजह से बदल सकते हैं। क्योंकि  वोट मांगते समय लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।  प्रदेशभर में चुनावी सरगर्मियों दौर में जहां विपक्षी दल मोरबी हादसे को मुद्दा बनाने चाहते हैं। इसलिए भाजपा को मंत्री का टिकट काटना पड़ा।

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