
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान के बीच भाजपा ने शनिवार को दावा किया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक मोतियाबिंद हो गया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल अपनी सरकार में आबकारी और स्कूलों में क्लासरूम घोटाले के बावजूद खुद को ईमानदारी का प्रमाण पत्र दे रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पूरा देश जानता है कि केजरीवाल कट्टर बेईमान हैं।
दरअसल, भाटिया की प्रेस कांफ्रेंस से पहले अरविंद केजरीवाल ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के आरोप पत्र में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं आने पर अरविंद केजरीवाल ने खुद को और अपनी पार्टी को कट्टर ईमानदार कहा था। केजरीवाल ने भाजपा से यह भी पूछा कि क्या वह अपने किसी नेता के बारे में ऐसा कह सकती है। इसके बाद भाजपा की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गौरव भाटिया ने कहा कि केजरीवाल राजनीतिक मोतियाबिंद से पीड़ित हैं। क्लासरूम घोटाला या फिर आबकारी घोटाला या जेल में होने के बावजूद सत्येंद्र जैन का मंत्री पद पर बने रहना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां, जिन्हें कभी पिंजरे में बंद तोता कहा जाता था, वे भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई के लिए फैसला करने को स्वतंत्र हैं।
आईएसआई मानक की तरह प्रमाण पत्र जारी कर रहे केजरीवाल
बता दें कि सीबीआई ने गत शुक्रवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सात आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया, लेकिन एफआईआर में दर्ज मनीष सिसोदिया का इसमें नाम शामिल नहीं था। भाटिया ने आरोप लगाया कि केजरीवाल केएसआई यानी केजरीवाल स्कैमस्टर्स इंस्टीट्यूट को लीड कर रहे थे, जो कोई भी भ्रष्टाचार में शामिल रहता है, उसे प्रमाण पत्र जारी करते हैं। यह ठीक उसी तरह है जैसे विभिन्न उत्पादों के गुणवत्ता प्रमाणन के लिए भारतीय मानक संस्थान यानी आईएसआई है।
आप संयोजक अवसरवादिता के शिकार
गौरव भाटिया ने कहा कि केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी सरकार में विभिन्न घोटालों पर किसी भी सवाल का जवाब अब तक नहीं दिया है, मगर भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर भी हमेशा ईमानदारी का प्रमाण पत्र लेकर सामने आ जाते हैं। भाटिया के अनुसार, केजरीवाल पहले जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाने में तेज थे। हालांकि, अब अपने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ईमानदार होने का दावा केवल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनका नाम सीबीआई के आरोप पत्र में नहीं है। इससे पता चलता है आप के संयोजक अवसरवादिता के शिकार हैं।
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