Punjab chunav: 117 सीटों पर प्रभाव रखने वाले डेरा बाबा ब्यास के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लो से मिले PM Modi

प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी जालंधर में होने वाली रैली से ठीक पहले दिल्ली में डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो से मिले। डेरा ब्यास का पंजाब के 117 सीटों पर प्रभाव है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 13, 2022 4:52 PM IST / Updated: Feb 13 2022, 10:58 PM IST

नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पंजाब चुनाव (Punjab Election 2022) में पहली बार रैली करने जा रहे हैं। प्रधामंत्री जालंधर में होने वाली रैली से ठीक पहले दिल्ली में डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो से मिले। 

प्रधानमंत्री ने इस मीटिंग की फोटो ट्वीट की है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि आज मुझे राधा स्वामी सत्संग ब्यास के बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी से मिलने का सौभाग्य मिला। आरएसएसबी की समाज सेवा की पहल सराहनीय है।

डेरा ब्यास का पंजाब में है अच्छा होल्ड
डेरा ब्यास का पंजाब में अच्छा खासा होल्ड है। राज्य के 117 सीटों पर डेरा का प्रभाव है। पंजाब में डेरा ब्यास का मुख्यालय है। रैली से पहले पीएम और ब्यास डेरा मुखी की बैठक को पंजाब चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बार पंजाब में भाजपा अपने दम पर अकेले बड़ी पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ रही है। तीन कृषि कानूनों के चलते जिस तरह से भाजपा का विरोध हुआ। इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब में दिखा। 

भाजपा अभी तक अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है, लेकिन अब भाजपा पंजाब में अपना दम दिखाना चाहती है। भाजपा ने इसकी जोरदार तैयारी की है। पंजाब में प्रचार की कमान स्वयं पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने संभाल रखी है। सोमवार को पीएम स्वयं पंजाब में रैली करने आ रहे हैं।

डेरा का 117 सीटों पर है प्रभाव
डेरा गुरिंदर से यह मुलाकात इसलिए भी अहम है कि डेरा का पंजाब में जबरदस्त होल्ड है। इसके अनुयायी पढ़े लिखे और संभ्रांत तबके के हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अच्छी खासी उपस्थिति है। इसके साथ ही वे बेहद अनुशासित हैं। बाबा और पीएम की मुलाकात को राजनीतिक नजरीये से देखा जाए तो यह माना जा रहा है कि भाजपा के प्रति डेरा ब्यास का सॉफ्ट कॉर्नर है। यह संदेश पंजाब में डेरा के अनुयायियों में भी गया है। जानकारों का कहना है कि पंजाब की 117 सीटों पर डेरा का प्रभाव है।

इसलिए मायने रख रही यह मुलाकात
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास मुखी गुरविंदर सिंह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात चुनाव के मद्​देनजर तो मायने रखती है इसके साथ ही चुनाव के बाद भी यह खासी भूमिका अदा कर सकती है। डेरा मुखी की बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के साथ रिश्तेदारी है। मजीठिया अकाली दल के सीनियर और प्रभावशाली नेता हैं। अब यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो डेरा अकाली दल और भाजपा को नजदीक लाने की कोशिश कर सकता है। 

पंजाब के राजनीतिक समीक्षक इस बैठक के कई मायने निकाल रहे हैं। इनका कहना है कि यह बैठक दूर की सोच रखकर आयोजित हुई है। डेरा ब्यास का पंजाब की 30 सीटों पर जबरदस्त प्रभाव है। इसमें गुरूहरसहाय, फिरोजपुर, फिरोजपुर सिटी, मोगा, जालंधर और अमृतसर सीटों पर तो डेरा के अनुयायी बड़ी भूमिका में हैं। डेरा के अनुयायियों में हिंदू और सिख दोनों समुदाय के लोग हैं। डेरा राधास्वामी सत्संग ब्यास भाजपा के नजदीक आ जाता है तो सिख मतदाता भाजपा को वोट दे सकता है। यह भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।  

कई सीटों पर तो डेरा के 20 हजार से ज्यादा अनुयायी हैं। सियासी नजरीये से देखा जाए तो इतनी संख्या में मतदाता यदि भाजपा को मिल जाते हैं तो पार्टी पंजाब में बड़ा कमाल कर सकती है। डेरा के अनुयायी संभ्रांत तबके के लोग हैं। इस तबके में भाजपा की पैठ होने का मतलब है कि पंजाब के इस वर्ग में पार्टी मजबूत हो सकती है। डेरा कभी खुलकर राजनीति में इस तरह से नहीं आया। इस बार आ रहा है। दिख रहा है कि भाजपा पंजाब को लेकर बेहद गंभीर है। इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं व नेताओं का जोश बढ़ रहा है। इसके साथ ही मतदाता भी खुलकर भाजपा के पक्ष में खड़ा हो रहे हैं। 

भाजपा को इसका राजनीतिक फायदा हो सकता है। शहरी वोटर को पार्टी अपने साथ जोड़ सकती है। यदि डेरा सच्चा सौदा के साथ राधा स्वामी सत्संग ब्यास का साथ भी मिल जाता है तो पार्टी का पंजाब में प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है। इसका विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ेगा।

 

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