बता दें कि जब यह घटना हुई, उस वक्त पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ गाड़ी चला रहे थे, जबकि उनके पीछे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और विधायक नवजोत सिद्धू बैठे थे। इतनी बड़ी घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। पता चला है कि झंडा फहराने वाला युवक एनएसयूआई का कार्यकर्ता था।
लुधियाना (पंजाब). लुधियाना में चुनावी रैली में जाते हुए राहुल गांधी के साथ सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। एक युवक ने उनके चेहरे पर झंडा मार दिया। इससे गांधी बच तो गए, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्यों, पंजाब में वीवीआईपी सुरक्षा में पुलिस दूसरी बार नाकाम रही है।
अपनी ही कार में बाल बाल बच गए राहुल गांधी
दरअसल, हलवारा हवाई अड्डे से लुधियाना के हयात होटल की में जैसे ही राहुल गांधी पहुंचे, वह गाड़ी का शीशा खोल कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। तभी एक युवक ने उनकी खिड़की पर झंडा फेंका, झंड उनके चेहरे पर लगा। लेकिन राहुल बाल बाल बच गए। इसके तुरंत बाद उन्होंने शीशा बंद कर लिया।
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सीएम चन्नी और सिद्धू के सामने राहुल को मारा झंडा
बता दें कि जब यह घटना हुई, उस वक्त पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ गाड़ी चला रहे थे, जबकि उनके पीछे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और विधायक नवजोत सिद्धू बैठे थे। इतनी बड़ी घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। पता चला है कि झंडा फहराने वाला युवक नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) का कार्यकर्ता था और उसने गुस्से में आकर राहुल पर झंडा फहरा दिया।
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पंजाब में वीवीआईपी सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे?
पंजाब में यह दूसरा मौका है, जब वीवीआईपी सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को प्रदर्शनकारी किसानों ने रोक लिया था। इस पर पंजबा में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे। इसके बाद भी सुरक्षा को लेकर ठोस इंतजाम नहीं हो रहे हैं। इससे पहले राहुल की रैली से कुछ दूरी पर ही 1984 के सिख दंगा पीड़ितों ने काले झंडे से विरोध प्रदर्शन किया। दंगा पीड़ित पुरुष और महिलाएं एकजुट हुए और नारे लगाने लगे। पुलिसकर्मी को जब धरने की जानकारी मिली तो आनन फानन में उन पर काबू पाया गया। प्रदर्शनकारियों को राहुल गांधी की रैली दूर लेकर जाया गया। जिससे किसी तरह की अप्रिय घटना होने से बच गई।
इस वजह से राहुल गांधी पर प्रदर्शनकारियों ने किया हमला
प्रदर्शनकारियों की कोशिश थी कि राहुल की रैली के नजदीक पहुंचा जाए। उन्होंने पूरी कोशिश की, मामला हाथ से निकलता देख कर भारी पुलिस बल तैनाl किया किया। इस वजह से प्रदर्शनकारी रैली स्थल तक पहुंचने में कामयाब नहीं हुए। प्रदर्शनकारी जसविंदर सिंह और मनप्रीत कौर ने कहा कि कांग्रेस ने सिखों का संहार किया है। इसमें विशेष तौर पर राजीव गांधी और अजय माकन के पिता ललित माकन इसके लिए जिम्मेदार है। हम उनका विरोध करने के लिए यहां एकजुट हुए हैं।