
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Election 2022) को लेकर लगातार पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर लगातार हमलावर होता नजर आ रहा है। बहुजन समाज पार्टी के खेमें मे कार्यकर्ताओं ओर नेताओं की कमी साफ तौर पर देखने को मिल रही है। ऐसे में मायावती लड़ाई में बने रहने का पूरा प्रयास कर रही हैं। इसी सिलसिले में उन्होने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा हैं।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) चीफ मायावती जाट और मुस्लिमों समेत कई वर्गों को साधने की कोशिश में दिख रही हैं। 30 नवंबर को उनकी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी झलक देखने को मिली है। मायावती ने आरोप लगाया कि अब केंद्र और राज्यों की 'जातिवादी सरकारें' इनके आरक्षण को आए दिन नए-नए नियम और कानून बनाकर और कोर्ट-कचहरी आदि का भी सहारा लेकर प्रभावहीन बनाने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि इन वर्गों का यही हाल हमें यूपी में भी देखने को मिल रहा है।
अल्पसंख्यक समाज है बीजेपी सरकार से दुखी- माया
बीएसपी चीफ ने कहा कि इसके साथ-साथ पूरे देश में दलितों-आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के साथ हर स्तर पर हो रही जुल्म-ज्यादती भी अभी तक पूरे तौर पर बंद नहीं हुई है। इसके अलावा ओबीसी समाज की केंद्र की सरकार से अलग से जातिगत जनगणना कराने की मांग चल रही है, जिससे बीएसपी पूरे तौर पर सहमत है, उसे भी अब केंद्र सरकार द्वारा जातिवादी मानसिकता के तहत चलकर नजरअंदाज किया जा रहा है। मायावती ने कहा, ''इसी प्रकार यूपी में वर्तमान में चल रही बीजेपी सरकार में हमें धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से, खासकर मुस्लिम समाज के लोग भी हर मामले में और हर स्तर पर काफी दुखी नजर आते हैं। इस सरकार में अब इनकी तरक्की होनी लगभग बंद सी हो गई है। ज्यादातर फर्जी मुकदमों में फंसाकर इनका काफी उत्पीड़न भी किया जा रहा है। साथ ही नए-नए नियमों और कानूनों के तहत इनमें काफी दहशत भी पैदा की जा रही है। यह सब मेरी सरकार में कतई भी नहीं हुआ था.''
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