चौबट्टाखाल सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: बीजेपी के सतपाल महाराज ने कांग्रेस के केशर सिंह को हराया

चौबट्टाखाल सीट भाजपा (BJP) का गढ़ भी कहा जाता है क्योंकि पिछले 4 चुनावों में से 3 बार भाजपा ने जीत हासिल की है। एक बार निर्दल उम्मीदवार को जीत मिली थी।  2012 में इस सीट पर भाजपा के तीरथ सिंह ने 14,741 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के राजपाल सिंह बिष्ट को 12,777 वोटों से हराया था। 
 

Anand Pandey | Published : Mar 9, 2022 8:44 PM IST / Updated: Mar 10 2022, 11:45 PM IST

Chaubattakhal Election Results 2022: चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने कांग्रेस के केशर सिंह (Keshar Singh) को 11,430 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। सतपाल महाराज को जहां 24,927 वोट मिले, तो वहीं केशर सिंह को 13,497 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। बीजेपी प्रत्याशी ने कुल वोटों के 58.72 प्रतिशत वोट अपनी झोली में डाले, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 31.8 प्रतिशत वोट ही मिले। आम आदमी पार्टी के दिग्मोहन नेगी को केवल 1,908 वोट ही मिले। 

चौबट्टाखाल सीट की खास बात

उत्तराखंड (Uttarakhand) के पौड़ी गढ़वाल जिले की एक विधानसभा सीट है चौबट्टाखाल विधानसभा सीट। यहां से दिग्गजों में शुमार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) चुनावी मैदान में हैं, जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस (Congress) के केसर सिंह नेगी मैदान में हैं। गढ़वाल क्षेत्र से चौबट्टाखाल के पूर्व विधायक तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) इस समय सांसद हैं। चौबट्टाखाल सीट भाजपा (BJP) का गढ़ भी कहा जाता है क्योंकि पिछले 4 चुनावों में से 3 बार भाजपा ने जीत हासिल की है। एक बार निर्दल उम्मीदवार को जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस को इस सीट पर अब तक बार भी जीत नसीब नहीं हुई है।

पिछले चुनाव के परिणाम
2017 में इस सीट पर भाजपा के सतपाल महाराज ने 7,354 वोटों से जीत हासिल की थी। सतपाल महाराज को 20,921 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के राजपाल सिंह बिष्ट रहे थे जिन्हें 13,567 वोट मिले थे। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार सुंदर सिंह चौहान तीसरे नंबर पर थे। 2012 में इस सीट पर भाजपा के तीरथ सिंह ने 14,741 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के राजपाल सिंह बिष्ट को 12,777 वोटों से हराया था। 2002 में भी इस सीट पर भाजपा के महेंद्र भट्ट ने जीत हासिल की थी। 2007 में निर्दल उम्मीदवार राजेंद्र सिंह भंडारी और 2002 में बीजेपी के महेंद्र भट्ट नेन जीत हालिस की थी.

सतपाल महाराज का दबदबा
उत्तराखंड की राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाने वाले सतपाल महाराज का चौबट्टाखाल (Chaubattakhal Assembly Seat) पर मजबूत पकड़ है। कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले सतपाल महाराज ने बाद में भाजपा ज्वॉइन किया। वह केंद्र में भी मंत्री रहे हैं। 125 किलोमीटर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के सर्वे लिए उन्होंने साल 2011 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से नींव रखवाई थी। सतपाल महाराज किसी भी पार्टी में रहे हो लेकिन उनकी महाराज वाली छवि बरकरार है। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। बीजेपी ने लगातार दूसरी बार उन्हें चौबट्टाखाल से मैदान में उतारा है। इस तरह चौबट्टाखाल VIP और हॉट सीट बनी हुई है। कांग्रेस ने सतपाल महाराज के खिलाफ अपने प्रदेश उपाध्यक्ष केसर सिंह नेगी को मैदान में उतारा है। वह पूर्व में जिला पंचायत अक्ष्यक्ष भी रह चुके हैं। आप ने यहां से अपनी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष दिग्मोहन नेगी को टिकट दिया है.

क्या है सामाजिक समीकरण
चौबट्टाखाल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां एक लाख के करीब मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की आबादी ज्यादा है। अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी चौबट्टाखाल विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अहम किरदार निभाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की भी संख्या अच्छी खासी है।

चौबट्टाखाल विधानसभा सीट के तहत चौबट्टाखाल तहसील के गांव आते हैं. ये ग्रामीण इलाके की सीट है. चौबट्टाखाल विधानसभा सीट के लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है. इस सीट के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है. चुनाव के नतीजे मतगणना के बाद 10 मार्च को आएंगे.

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