कोठियाल भले ही पहली बार चुनाव लड़ा हो लेकिन उनका आर्मी बैकग्राउंड उन्हें फौजी वोटर्स के बीच लोकप्रिय बनाता है। बीजेपी की बात करें तो इस बार पार्टी ने एक नए चेहरे पर दांव चला है। इस सीट से सुरेश चौहान को मैदान में उतारा गया है। भाजपा ने निवर्तमान विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद सुरेश चौहान में अपना भरोसा जताया है।
Gangotri Election Results 2022: गंगोत्री विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सुरेश सिंह चौहान (Suresh Singh Chauhan) ने कांग्रेस के विजयपाल सिंह सजवान (Vijay Pal Sajwan) को 8,029 वोटों से हरा दिया है। सुरेश को जहां 29,619 वोट मिले, तो वहीं विजयपाल को 21,590 वोट मिले। आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार अजय कोटियाल 6,161 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। बीजेपी उम्मीदवार को जहां 49.66 प्रतिशत वोट मिले, तो वहीं कांग्रेसी प्रत्याशी 36.2 प्रतिशत वोट लेने में ही सफल रहा।
गंगोत्री सीट से जुड़ी खास बात
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Chunav 2022) में सबसे ज्यादा चर्चा वाली सीटों में से एक सीट है उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले की गंगोत्री सीट। वैसे तो इस सीट पर हमेशा से ही मुकाबला कड़ा ही देखने को मिला है लेकिन कहा यह भी जाता है कि यहां से जो भी पार्टी चुनाव जीतती है प्रदेश की सत्ता में उसका काबिज होना तय होता है। यह मिथक 60 सालों से चला आ रहा है। यही कारण है कि इस बार गंगोत्री विधानसभा सीट (Gangotri assembly seat) पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां बीजेपी-कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है।
त्रिकोणीय मुकाबला
इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां से सीएम फेस कर्नल अजय कोठियाल (Ajay Kothiyal) को मैदान में उतारा है। उनका चुनाव लड़ना बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चिंता की बात है। कोठियाल भले ही पहली बार चुनाव लड़ा हो लेकिन उनका आर्मी बैकग्राउंड उन्हें फौजी वोटर्स के बीच लोकप्रिय बनाता है। बीजेपी (BJP) की बात करें तो इस बार पार्टी ने एक नए चेहरे पर दांव चला है। इस सीट से सुरेश चौहान (suresh chauhan) को मैदान में उतारा गया है। भाजपा ने निवर्तमान विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद सुरेश चौहान में अपना भरोसा जताया है। इस बार इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के लिए खुद स्वर्गीय सीडीएस बिपिन रावत के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत ने प्रचार किया ताकि अजय कोठियाल की लोकप्रियता को काउंटर किया जा सके। कांग्रेस ने इस सीट से पांचवी बार विजयपाल सिंह सजवाण (Vijaypal Singh Sajwan) पर अपना भरोसा जताया है।
जिसकी जीत, उसकी सरकार
मिथक है कि गंगोत्री सीट पर जिस भी पार्टी की जीत होती है, प्रदेश में उसी की सरकार बनती है। इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो 1958 में तत्कालीन उत्तर-प्रदेश की उत्त्तरकाशी सीट से कांग्रेस के रामचंद्र उनियाल विधायक बने, तो राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद तीन बार कांग्रेस के कृष्ण सिंह विधायक बने, तो प्रदेश में तीनों बार कांग्रेस की सरकार बनी। 1974 में उत्तरकाशी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए घोषित होने पर यहां कांग्रेस नेता बलदेव सिंह आर्य विधायक बने, तब भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। इमरजेंसी के बाद राजनीतिक उथल-पुथल के समय जनता पार्टी अस्तित्व में आई। उस समय जनता पार्टी के बर्फिया लाल जुवांठा चुनाव जीते और प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी।
उत्तराखंड बनने के बाद स्थिति
साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजय पाल सजवाण विधानसभा में पहुंचे तो सरकार कांग्रेस की बनी। जब 2007 में इसी सीट से बीजेपी के गोपाल रावत निर्वाचित हुए तो सरकार भारतीय जनता पार्टी की बनी। साल 2012 में कांग्रेस के विजयपाल के जीतने पर प्रदेश में उन्हीं की पार्टी कांग्रेस की सरकार बनी। वहीं विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी विधायक गोपाल रावत चुनाव जीते तो सरकार बीजेपी की बनी। यह मिथक साल 1958 से बना हुआ है। अब देखना होगा कि क्या साल 2022 में भी यह मिथक बरकरार रहता है?
गंगोत्री सीट पर सामाजिक समीकरण
गंगोत्री विधानसभा पर पर सामाजिक समीकरण की बात करें तो इस सीट कुल 43,003 पुरुष मतदाता हैं जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 40,278 है। जातिगत आबादी की बात करें तो ठाकुर मतदाताओं का वर्चस्व है। उनकी आबादी 62 प्रतिशत है जबकि 17 प्रतिशत ब्राह्मण आबादी है। जबकि अनुसूचित जाति 19% और अनुसूचित जनजाति 15% है। मुस्लिम आबादी 0.5 फीसदी है।