थौबल सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंह ने बीजेपी के लीतानथम बसंता सिंह को हराया

ओकराम इबोबी सिंह, भाजपा से लैंथम बसंत सिंह, जनता दल यूनाइटेड से इरोम छोबा सिंह, शिवसेना से कोनसम मिशेल सिंह प्रत्याशी हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के ओकराम इबोबी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के लैंथम बसंत सिंह को 10470 मतों के अंतर से हराया था। 

Anand Pandey | Published : Mar 9, 2022 7:41 PM IST / Updated: Mar 11 2022, 01:00 AM IST

Thoubal Election Results 2022: थौबल विधानसभा सीट से कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) ने बीजेपी के लीतानथम बसंता सिंह (Leitanthem Basanta Singh) को 2,543 वोटों से हरा दिया। कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 15,085 वोट मिले, वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 12,542 वोट मिले। शिव सेना के कोनसम मिचेल सिंह को 1,622 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 51 प्रतिशत वोट मिले, वहीं बीजेपी उम्मीदवार को 42.4 प्रतिशत वोट मिले। 

थौबल सीट से जुड़ी खास बात

मणिपुर विधानसभा चुनाव में थौबल सीट के नतीजे पर हर किसी की नजर है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह उम्मीदवार हैं। वे यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट से चौथी बार मैदान में हैं। इबोबी 15 साल तक मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे 2002 से 2017 तक मणिपुर के सीएम रहे।

इस बार इस सीट पर जोरदार टक्कर होने की संभावना है। कांग्रेस से ओकराम इबोबी सिंह, भाजपा से लैंथम बसंत सिंह, जनता दल यूनाइटेड से इरोम छोबा सिंह, शिवसेना से कोनसम मिशेल सिंह प्रत्याशी हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के ओकराम इबोबी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के लैंथम बसंत सिंह को 10470 मतों के अंतर से हराया था। 2017 में कांग्रेस का वोट शेयर 68.38% था।

2012 के चुनाव में ओकराम ने यहां से भाजपा के ओइनम इंदिरा को हराया था। तब कांग्रेस का वोट शेयर 82.97% था। यानी इस सीट पर कांग्रेस का वोट शेयरिंग में गिरावट आई थी। इस सीट पर 1972 से अब तक कुल 11 बार चुनाव हुए हैं। पिछले 15 सालों से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2007 से अब तक थौबल सीट से पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह चुनाव जीत रहे हैं।

2017 में इबोबी सिंह के हाथ से फिसल गई थी सरकार

2017 के चुनाव में 73 साल के ओकराम इबोबी सिंह सत्ता के करीब होकर ही कुर्सी तक नहीं पहुंच पाए थे। तब कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 21 सीटें जीती थीं। लेकिन, भाजपा ने कांग्रेस को करारा झटका दिया और गठबंधन की सरकार बना ली। कांग्रेस की तरफ से ओकराम इबोबी सिंह के लिए ये बड़ी हार थी। वे राज्य में कांग्रेस के सबसे सीनियर और अनुभवी नेता थे। 15 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे, लेकिन विधायकों को नहीं साध पाए थे। इस बार भी अगर पार्टी ज्यादा सीटें जीतती है तो उनके लिए सरकार बनाने की चुनौती कम नहीं होगी।

थौबल सीट पर 31 हजार से ज्यादा वोटर्स

थौबल विधानसभा सीट पर कुल 31,091 मतदाता हैं। ओकराम की पत्नी बांधोनी देवी भी पॉलिटिक्स में हैं। वे थौबल जिले के खंगाबोक सीट से लगातार दो बार चुनाव जीतीं और जिले की पहली महिला विधायक बनीं। लोकसभा सीट से भाजपा के राजकुमार रंजन सिंह सांसद हैं। उन्होंने कांग्रेस के ओइनम नबा किशोर सिंह को हराया था।

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