कांग्रेस में किसी को भी मुझे सीएम बनाने पर आपत्ति नहीं, वोटिंग से एक दिन पहले हरीश रावत का बड़ा बयान

Uttarakhand Election 2022 : हरीश रावत ने कहा- मैं संघर्ष की राजनीति करता हूं, सत्ता की नहीं। पार्टी ने मुझसे कहा है कि चुनाव प्रचार का नेतृत्व मैं करूंगा। हम चुनाव जीतने के लिए लड़ रहे हैं। पार्टी में किसी को भी मेरे नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 13, 2022 12:02 PM IST / Updated: Feb 13 2022, 05:41 PM IST

लालकुआं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) से एक दिन पहले कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। रावत ने कहा कि कांग्रेस मेरे नेतृत्व में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पंजाब की तरह उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने के सवाल पर रावत ने कहा कि यह कदम एक रणनीतिक मामला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी निशाना साधा और सत्ता में आने के बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा को 'जुमला' करार दिया। रावत ने कहा- राज्य में यूसीसी लागू करना उनके संवैधानिक अधिकार के दायरे में नहीं है। 

संघर्ष की राजनीति करता हूं, सत्ता की नहीं
उत्तराखंड की 70 सीटों पर कल यानी 14 फरवरी को चुनाव होने हैं। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए रावत ने कहा- मैं संघर्ष की राजनीति करता हूं, सत्ता की नहीं। पार्टी ने मुझसे कहा है कि चुनाव प्रचार का नेतृत्व मैं करूंगा। हम चुनाव जीतने के लिए लड़ रहे हैं। पार्टी में किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। किसी सदस्य ने मेरे नाम पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। रावत ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक लोग मुझे इस बार सीएम उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। लेकिन सीएम फेस की घोषणा नहीं करना कांग्रेस की रणनीति का एक हिस्सा था। 

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दलित को मुख्यमंत्री बनाने की बात पर बोले- इच्छा पूरी होने की समय सीमा नहीं
राज्य में दलित सीएम की बात करने और फिर पद के लिए दौड़ने के उनके बयानों के बीच विरोधाभास के बारे में सवाल पर रावत ने कहा कि वह वास्तव में राज्य में एक दलित सीएम देखना चाहते हैं। रावत ने कहा- हालांकि, इच्छा पूरी होने की कोई समय सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें भारत की आजादी के 75 साल बाद कुछ मानसिकता से छुटकारा पाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब में बदलाव के बाद एक दलित सीएम चेहरे की घोषणा की गई है। मैंने उत्तराखंड के लिए भी यही प्रार्थना की है। जब आप ऐसी इच्छाएं करते हैं, तो आप कोई समय सीमा नहीं लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने 'गंगा मैया' से एक अवसर मांगा है कि आने वाले समय में मैं एक दलित को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर सकूं।

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