
Bombay HC Grant Ad-Interim Protection To Akshay: अक्षय कुमार ने डीपफेक वीडियो के बढ़ते खतरे के बीच अपने व्यक्तित्व अधिकारों ( personality rights ) की सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पिटीशन पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह बॉलीवुड एक्टर को सिक्योरिटी देने के लिए एक इंटरिम आर्डर पारित करेगा। अदालत ने कहा कि इस तरह का ‘कंटेंट’ न केवल उनके प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि इसके गंभीर परिणाम भी होते हैं"। न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर ने मामले की सुनवाई करते हुए एक्टर की डिमांड पर पॉजिटिव रुख अपनाया है।
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अक्षय ने अपनी पिटीशन में एआई-जनरेट और डीपफेक कंटेंट के जरिए उनके नाम, स्क्रीन नाम "अक्षय कुमार", इमेज, सिमिलरिटी, आवाज़, उनका स्टाइल और चलने-बैठने के तरीके का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग को उजागर किया गया है। एक्टर ने आरोप लगाया है कि यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और विभिन्न ई-कॉमर्स साइटों जैसे प्लेटफॉर्म पर फर्जी वीडियो, डप्लीकेंट कंटेंट सामान, भ्रामक विज्ञापन और सोशल मीडिया प्रोफाइल प्रसारित किए गए हैं। जिससे उनकी इमेज को खराब करने की कोशिशें की जा सकती हैं। ये डुप्लीकेट वीडियो एकदम ओरिजिनल जैसे ही लगते हैं।
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याचिका में कहा गया है, "इस तरह के कृत्य वादी ( पिटीशनर) की साख और प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय क्षति पहुंचाते हैं, उसकी शख्सियत और प्रमोशन राइटस को कमजोर करते हैं, जनता को गुमराह करते हैं और unfair competition को बढ़ावा देते हैं।
अक्षय के वकील ने अपनी दलील में कहा कि इस तरह की मनगढ़ंत क्लिप किसी भी क्लेरिफिकेशन के रिलीज होने से पहले ही तत्काल लोगों की भावनाओं को भड़का सकती हैं। वकील ने एक जुआ प्लेटफ़ॉर्म और एक अन्य वेबसाइट, Akshaykumar.ai, का भी उदाहरण दिया, जिसमें यूजर्स ने एक्टर की आवाज़ की नकल करते हुए टेक्स्ट इनपुट और ऑडियो बनाए थे। वकील सराफ ने कहा कि वे वेबसाइट को बंद करने की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक्टर की क्वालिटी को मिसयूज से सिक्योरिटी की डिमांड की है।