
कॉमेडियन कपिल शर्मा एक बार फिर बतौर एक्टर बड़े पर्दे पर लौट आए हैं। उनकी नई फिल्म 'किस किसको प्यार करूं 2' थिएटर्स में रिलीज हो गई है। यह फिल्म 2015 में रिलीज हुई हिट रोमांटिक कॉमेडी 'किस किसको प्यार करूं' की सीक्वल है। पहले पार्ट को जहां अब्बास-मस्तान ने डायरेक्ट किया था तो वहीं दूसरे पार्ट के डायरेक्टर अनुकल्प गोस्वामी हैं। कपिल शर्मा के साथ इस बार इस फिल्म में हीरा वरीना, त्रिधा चौधरी, पारुल गुलाटी , आयशा खान और मनजोत सिंह जैसे कलाकार भी नज़र आ रहे हैं। अब जानिए आखिर किसी है यह फिल्म...
'किस किसको प्यार करूं 2' की कहानी बिलकुल उसी थीम पर है, जिस पर इसका पहला पार्ट था। यह कहानी मोहन शर्मा (कपिल शर्मा) की है, जो भोपाल में एक रेस्टोरेंट चलाता है और अपनी मां ममता (सुप्रिया शुक्ला) और पिता बीके शर्मा (अखिलेन्द्र मिश्रा) के साथ रहता है। मोहन अपनी गर्लफ्रेंड सानिया (हीरा वरीना) से शादी करना चाहता है, लेकिन सानिया के पिता मिर्ज़ा (विपिन शर्मा) को इस रिश्ते से आपत्ति है। मोहन इस्लाम कबूल कर महमूद बन जाता है। इससे मिर्ज़ा काफी प्रभावित होता है और उसकी शादी सानिया से कराने को तैयार हो जाता है। इसके बाद असली कहानी शुरू होती है और ऐसे ट्विस्ट आते हैं कि एक के बाद एक महबूब बने मोहन की तीन शादियां हो जाती हैं और ये तीन पत्नियां रूही (आयशा खान), मीरा (त्रिधा चौधरी) और जेनी (पारुल गुलाटी) होती हैं। फिर सानिया का लापता होना और तीन शादियां करने वाले संदिग्ध की तलाश करते इंस्पेक्टर डेविड डी-कोस्टा (सुशांत सिंह) की एंट्री फिल्म में धमाकेदार ट्विस्ट लाते हैं। कैसे मोहन की तीन शादियां हुईं? सानिया कहां लापता हुई? और क्या इंस्पेक्टर डेविड जिस संदिग्ध की तलाश में है, वह मोहन है? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अनुकल्प गोस्वामी ने कमाल का डायरेक्शन किया है। वे 'द कपिल शर्मा शो' के लिए काम कर चुके हैं। उनकी कहानी साफ़-सुथरी है, जिसे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। उन्होंने हर सीन को इस तरह से बांधा है कि दर्शक हंस-हंस कर लोटपोट होते हैं। यहां तक कि धर्म को लेकर उन्होंने जो जोक फिल्म में डाले हैं, वे भी किसी की भावनाओं को आहत नही करते हैं। हीरो की तीन शादियों के एंगल को जिस तरह से उन्होंने हैंडल किया है, उसकी तारीफ़ बनती है। कुल मिलाकर अनुकल्प का निर्देशन आपको बिलकुल भी निराश नहीं करेगा। पहले फ्रेम से क्लाइमैक्स तक आपको यह फिल्म डायरेक्शन के तौर पर कहीं उबाऊ नहीं लगेगी।
कपिल शर्मा ने इस फिल्म में जबरदस्त एक्टिंग की है। वे कॉमेडियन तो बहुत अच्छे हैं ही और इस फिल्म में भी अपनी पंच लाइन से आपको हंसा-हंसाकर लोटपोट करते हैं। लेकिन यकीन मानिए उनकी एक्टिंग भी आपका दिल जीत लेगी। इमोशनल सीन्स में भी उन्होंने ऐसी अदाकारी की है कि उनके साथ आप भी रोने को मजबूर हो जाएंगे। एक्ट्रेसेस की बात करें तो त्रिधा चौधरी ने सबसे बेहतरीन काम किया है। आयशा खान स्क्रीबं पर खूबसूरत दिखी हैं। पारुल गुलाटी को ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिला है। लेकिन जितना मिला है, उसमें उनकी ईमानदारी दिखाई देती है। यानी उन्होंने बेहतर काम किया है। हीरा वरीना की एक्टिंग सबसे कमज़ोर है। वे अपने एक्सप्रेशन और डायलॉग डिलीवरी से दर्शकों का दिल जीतने में सफल नहीं हो पाती है। मनजोत सिंह मोहन के बचपन के दोस्त हब्बी के रोल में हैं और उन्होंने बेहतरीन काम किया है। सुप्रिया पाठक, अखिलेन्द्र मिश्रा, विपिन शर्मा और दिवंगत गोवर्धन असरानी के हिस्से में जो भी सीन आए हैं, उनमें वे शानदार दिखे हैं।
अगर आप एक साफ़-सुथरी फैमिली कॉमेडी फिल्म का इंतज़ार कर रहे हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है। हालांकि, इसे सिर्फ मनोरंजन के लिहाज से देखें। क्योंकि फिल्म आपको भरपूर एंटरटेनमेंट देगी। लेकिन अच्छी कहानी होने के बाद भी यह रियलिटी से बहुत दूर है। इसलिए फिल्म देखते समय किसी तरह का लॉजिक ना लगाएं। हमारी ओर से इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार।