
Khalid Ka Shivaji Ban: कान्स के लिए चुनी गई मराठी फिल्म खालिद का शिवाजी को कथित तौर पर इतिहास को गलत तरीके से पेश करने और हिंदू भावनाओं को बांटने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने तो फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने का भी ऐलान किया है। वहीं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ( Central Board of Film Certification ) से इन दावों की जांच करने का अनुरोध किया। शेलार ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि अगर फिल्म वास्तव में "इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है" तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
शेलार ने शुक्रवार को फिल्म के खिलाफ शिकायतों पर कमेंट करते हुए कहा, "सरकार ने शिकायतें मिलने पर तत्काल कार्रवाई की कि खालिद का शिवाजी मूवी गलत सूचना फैलाती है और भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। हमने शिवभक्तों और समाज के साथ तालमेल बिठाते हुए यह कदम उठाया है। उन्होंने आगे कहा, "हम इस फिल्म को कान महोत्सव की सिलेक्टेड लिस्ट से हटा देंगे और इस बारे में एक ईमेल भी भेज दिया है।
मैंने सीबीएफसी को पत्र लिखकर यह रुख अपनाया है कि अगर फिल्म झूठ फैलाती है और भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। सीबीएफसी ने भी शिकायतों के आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी है जिनमें फिल्म में इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया गया है।" उन्होंने कहा कि ज़िम्मेदारी उन लोगों की है जिन्होंने फ़िल्म को महोत्सव में प्रदर्शित करने की सिफ़ारिश की थी। सेलार ने आगे कहा कि निर्माता और निर्देशक को अब केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड ने तलब किया है और कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसी फिल्में समाज में विरोधाभास पैदा करती हैं। इनकी वजह से ही लोगों के बीच मनमुटाव जैसे हालात बनते हैं। यदि ऐसी विवादित फिल्में ना दिखाई जाएं तो समाज को बंटने से बचाया जा सकता है।