75 साल के हो चुके नसीरुद्दीन शान पर्सनल लाइफ में भले ही विवादों में रहते हों। लेकिन पर्दे पर अपनी शानदार एक्टिंग के साथ दमदार डायलॉग डिलीवरी के लिए भी जाने जाते हैं। उनके बर्थडे पर पढ़िए 10 ऐसे ही डायलॉग, जिन्हें आप वॉट्सऐप स्टेटस भी बना सकते हैं…
हर एक की जिंदगी में एक समय ऐसा आता है, जब उसे फैसला करना पड़ता है कि पन्ना पलटना है या किताब बंद करनी है।
फिल्म - फ़तेह (2025)
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इडियट्स हैं वो, जिनको सच से डर लगता है। डरना रूमर्स से चाहिए, क्योंकि रूमर्स को अगर रोका ना गया तो वो ऐसा सच बन जाता है, जिसके सामने सच भी झूठ लगने लगता है।
फिल्म - द ताशकंद फाइल्स (2019)
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जब शराफत के कपड़े उतरते हैं तो सबसे ज्यादा मजा शरीफों को ही आता है।
फिल्म - द डर्टी पिक्चर (2011)
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दिमाग और दिल जब एक साथ काम करते हैं ना तो फर्क नहीं पड़ता है कि दिमाग कौनसा है और दिल कौनसा है?
फिल्म - इकबाल (2005)
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अगर जिंदगी भर का हिसाब लगाया जाए तो गैरों के मुकाबले अपने ही ज्यादा खतरनाक साबित हुए हैं।
फिल्म - महारथी (2008)
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हाथ में बंदूक लेकर अपने आपको बहादुर समझना उतना ही आसान है, जितना किसी निहत्थे को बुजदिल समझना।
फिल्म - चाइना गेट (1998)
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मर्द को आबाद भी औरत करती है और बर्बाद भी औरत करती है।
फिल्म - मोहरा (1994)
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हमने देखे हैं बहुत बातें बनाने वाले, बातों वाले तो जनाब काम किधर करते हैं? वो जो देखते ही नहीं तूफ़ान उठते सागर, वो क्या ख़ाक समंदर में सफ़र करते हैं?
फिल्म - पुलिस पब्लिक (1990)
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जंगल में सिर्फ एक शेर होता है और शहर में एक खलीफा...बाकी जो होते हैं, वो सिर्फ होते हैं।