बॉलीवुड में प्राण के नाम से मशहूर दिग्गज एक्टर प्राण कृष्ण सिकंद 12 जुलाई 2013 को दुनिया को अलविदा कह गए थे। प्राण ने ना केवल अपनी शानदार एक्टिंग, बल्कि जानदार डायलॉग डिलीवरी से भी लोगों को दीवाना बनाया हुआ था। पेश हैं उनके 12 जबरदस्त डायलॉग...
1. चांद को अपनी चांदनी साबित करने के लिए चिरागों की शहादत की जरूरत नहीं पड़ती।
फिल्म : शहंशाह
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2.यह हिंदुस्तानी लड़कियों को खास अंदाज़ होता है, ये हां भी ना की तरह करती हैं और ना हां की तरह।
फिल्म : रूप तेरा मस्ताना
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3.यहां सूरज हमारी आज्ञा लेकर निकलता है और चांद हमारे इशारे से डूबता है। हमारे लिए आने वाले कल और गुजर जाने वाले कल में कोई फर्क नहीं...दोनों ही हमारे गुलाम हैं।
फिल्म : ये गुलिस्तान हमारा
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4.शेर खान ने शादी नहीं की तो क्या, लेकिन बारातें बहुत देखी हैं।
फिल्म : ज़ंजीर
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5.सोचने का वक्त कहां, ये कोई और गुल खिलाएगी...बात जंगल की आग होती है, लाख रोकोगे फैल जाएगी।
फिल्म : हीर रांझा
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6.मैं तेरी मौत इतनी खराब कर दूंगा कि तुझे देख कर मौत का फ़रिश्ता भी कांप उठे।
फिल्म : नास्तिक
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7.मौत का एक वक्त होता है...ना वो पल भर पहले आ सकती है, ना पल भर बाद।
फिल्म : तकदीर का बादशाह
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8.जो जंजीरों में जकड़े होते हैं वो हमेशा गद्दार नहीं होते...और जो ऊंची कुर्सियों पर बैठे होते हैं वो हमेशा वफादार नहीं होते।
फिल्म : राज तिलक
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9.कपड़े बदलने से आदमी की असलियत नहीं बदल जाती।
फिल्म : नसीब
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10.हकीकत खुल गई तेरी कि तू कैसा ग्वाला है...कमीने दुश्मनों के गांव का तू रहने वाला है।
फिल्म : हीर रांझा
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11.लोग जब कामयाबी के घोड़े पर सवार सोने की बनी हुई सड़क पर दौड़ते हैं तो वो ये भूल जाते हैं कि ये सड़क जेल की काल कोठरी में ख़त्म होती है या फांसी के तख्ते पर।
फिल्म : कालिया
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12.औरत को अपना मान, भक्त को उसका भगवान, गरीब को उसकी आन और अमीर को उसकी शान बहुत प्यारी होती है।