इस मामले में बदकिस्मत रहा बॉलीवुड का यह स्टार, 1 भयानक खौफ में गुजारी जिंदगी

संजीव कुमार, एक सफल अभिनेता जिनकी ज़िंदगी दर्द और अधूरे प्यार से भरी रही। हेमा मालिनी से एकतरफ़ा प्यार और सुलक्षणा पंडित का प्रस्ताव ठुकराना, उनकी ज़िंदगी के कुछ अनछुए पहलू।

एंटरटेनमेंट डेस्क. आज हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के उस सितारे की जिसकी किस्मत ने भले ही उसे एक कामयाब एक्टर तो बनाया लेकिन रियल लाइफ वो बदकिस्मत ही रहा है। इस एक्टर ने जिससे प्यार किया वो उसे नहीं मिली और जो उनसे प्यार करतीं थीं, उसका हाथ उन्होंने एक खौफ की वजह से नहीं थामा। आप समझे हम किस एक्टर की बात कर रहे हैं। अगर नहीं तो आपको बताते हैं कि यहां हम बात हो रही संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) की, जिनको गुजरे 39 साल हो गए हैं। संजीव का निधन 1985 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। मौत के वक्त उनकी उम्र 47 साल ही थी।

दर्द से गहरा रिश्ता रहा संजीव कुमार का

संजीव कुमार बॉलीवुड इंडस्ट्री एक ऐसे एक्टर रहे, जो हर जोनर के किरदार में खुद को आसानी से फिट कर लेते थे। उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर कई तरह के रोल प्ले। आपको जानकर हैरानी होगी कि संजीव ने फिल्म नया दिन नई रात में 9 अलग-अलग किरदार निभाएं थे। फिल्मों में अपने किरदार में डूब जाने वाले संजीव की असल जिंदगी काफी दर्दभरी रही। कहा जाता है कि वे हेमा मालिनी को दिलो जान से मोहब्बत करते थे, लेकिन हेमा का दिला तो धर्मेंद्र ने चुरा लिया था। संजीव ने हेमा से अपने प्यार का इजहार भी किया था, लेकिन हेमा ने उनका प्रपोजल ठुकरा दिया था। वहीं, कहा जाता है कि एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित, संजीव से बेइंतहा मोहब्बत करती थीं और उन्होंने उनके सामने शादी का प्रपोजल भी रखा था, लेकिन संजीव ने मना कर दिया था। इसके अलावा उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा खौफ था मौत। संजीव के घर-परिवार में कोई 50 साल से ज्यादा नहीं जिया। उनके भाईयों की मौत भी 50 साल के अंदर ही हो गई थी। उनके मन में भी यह डर बैठ गया था कि वे भी जल्दी ही दुनिया को अलविदा कह जाएंगे और हुआ भी कुछ ऐसा ही। महज 47 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया छोड़ दी थी।

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संजीव कुमार का एक्टिंग करियर और असली नाम

कईयों को नहीं पता कि संजीव कुमार का असली नाम क्या था। आपको बता दें कि उनका असली नाम हरिभाई जेठालाल जरीवाला था। संजीव कुमार ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। स्टेज पर उन्होंने कम उम्र में भी बुजुर्ग का किरदार शानदार तरीके से निभाया था। कई नाटकों में काम करने के बाद उन्होंने 1960 में फिल्म हम हिंदुस्तानी में एक छोटी सा रोल कर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। लीड हीरो के रोल में उनकी पहली फिल्म निशान (1965) थी। 1968 में उन्होंने उस समय के मशहूर एक्टर दिलीप कुमार के साथ फिल्म संघर्ष में काम किया था। उन्होंने सुपरहिट फिल्म सच्चाई में शम्मी कपूर और साधना के साथ लीड रोल प्ले किया था।

संजीव कुमार की फिल्में

संजीव कुमार ने अर्जुन पंडित, शोले और त्रिशूल जैसी फिल्मों के साथ ही खिलौना, यही है जिंदगी, नया दिन नई रात, देवता, इतनी सी बात और राम तेरे कितने नाम जैसी तमिल फिल्मों के हिंदी रीमेक में भी काम किया। उन्होंने कत्ल, शिकार, उलझन और तृष्णा जैसी सस्पेंस-थ्रिलर फिल्में भी कीं। संजीव ने मनचली, पति पत्नी और वो, अंगूर, बीवी-ओ-बीवी और हीरो जैसी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से सबका दिल जीता। उन्हें फिल्म दस्तक (1970) और कोशिश (1972) के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा भी उन्होंने की अवॉर्ड्स जीते

संजीव कुमार की मौत के बाद रिलीज हुई थी उनकी 10 फिल्में

संजीव कुमार का 6 नवंबर 1985 को निधन हो गया था। मौत के बाद उनकी करीब 10 फिल्में रिलीज हुई थी। इन फिल्मों के नाम कातिल, कांच की दीवार, लव एंड गॉड, हाथों की लकीरें, बात बन जाए, हिरासत, नामुमकिन, दो वक्त की रोटी, ऊंच नीच बीच और प्रोफेसर की पड़ोसन हैं।

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