जब मरने की हालत में पहुंच गए थे गोविंदा! डॉक्टर्स से पूछते थे- मैं बच तो जाऊंगा?

एक्टर गोविंदा अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया था जब वे मरने की हालत में पहुंच गए थे। खुद गोविंदा ने बताया था कि कैसे 7 साल की उम्र में वे एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गए थे।

एंटरटेनमेंट डेस्क. हीरो नं. 1 के नाम से मशहूर गोविंदा अस्पताल में भर्ती हैं। अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर साफ़ करते समय यह ज़मीन पर गिरी और मिसफायर हो गया। इसके चलते गोली गोविंदा के घुटने में जाकर लगी। हालांकि, वक्त पर अस्पताल पहुंचने से उन्हें किसी भी खतरे से बाहर निकाल लिया गया है। वैसे क्या आप जानते हैं कि गोविंदा की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब वे मरने की हालत में पहुंच गए थे और डॉक्टर्स से पूछते थे कि वे बच पाएंगे या नहीं। खुद गोविंदा ने एक बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी के इस बुरे दौर के बारे में बताया था।

गोविंदा ने याद किया जिंदगी का बुरा दौर

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2022 में गोविंदा ने एक इवेंट के दौरान बताया था कि उस वक्त वे 7 साल के थे, जब उन्हें मिर्गी और बाल झड़ने की गंभीर बीमारी हो गई थी। उनके मुताबिक़, उनके सिर के बाल चले गए थे और उनकी एक आइब्रो भी पूरी तरह खाली हो गई थी। गोविंदा ने यह भी बताया था कि वे इतने दुबले-पतले हो गए थे कि उनकी हड्डियां दिखने लगी थीं। यहां तक कि उनकी आवाज़ भी इसकी वजह से बेहद प्रभावित हुई थी। उस वक्त उन्हें ढेर सारे इंजेक्शन लगे थे, जिनकी वजह से उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। 

गोविंदा डॉक्टर्स से पूछते थे- मैं ठीक हो जाऊंगा?

गोविंदा के मुताबिक़, उनकी मां उन्हें दिलासा दिलाती थी कि वे जल्दी ठीक हो जाएंगे। लेकिन उन्हें अपनी मां इस दिलासे पर संदेह होता था और वे डॉक्टर से पूछते थे कि वाकई ठीक हो पाएंगे या फिर उनकी जिंदगी के ज्यादा दिन नहीं बचे हैं।बकौल गोविंदा, "उस वक्त डॉक्टर ने कहा था कि तू चिंता मत कर। एक दिन तू बहुत बड़ा स्टार बनेगा और लोग तुझे तेरे चेहरे से पहचानेंगे।" गोविंदा के मुताबिक़, उस वक्त शायद उस डॉक्टर की जुबान पर सरस्वती बैठी थी, क्योंकि आगे जाकर ना केवल वे स्टार बने, बल्कि उन्हें लोगों का बेहद प्यार भी मिला।

गोविंदा की मां फकीरों-बाबाओं के चक्कर लगाती थीं

गोविंदा के मुताबिक़, जिंदगी का यह बुरा दौर उन्होंने 7 साल (7 से 14 की उम्र के बीच) तक देखा। उन्हें ठीक कराने उनकी मां फकीरों और बाबाओं के चक्कर लगाती थीं। यहां तक कि वे गोविंदा से भी उन फकीरों और बाबाओं की सेवा करा करती थीं। क्योंकि उन्हें लगता था कि फ़कीर और बाबाओं की दुआ उन्हें ठीक कर देगी। हालांकि, खुद गोविंदा को यह काम बिल्कुल पसंद नहीं आता था।

जब फ़कीर को टपली मार भाग गए थे गोविंदा

गोविंदा ने एक किस्सा भी याद किया। उनके मुताबिक़, एक बार उनकी मां ने उन्हें जंगल में एक फ़कीर की सेवा के लिए भेज दिया था। वे वहां सुबह 6:30 बजे पहुंच गए थे और दोपहर 1:30 बजे तक रहे थे। इस दौरान उस फ़कीर ने उनसे लगातार पैर दबवाए। हालांकि, जब वे थक गए तो गुस्से में उन्होंने उस फ़कीर को टपली मारी और वहां से भाग गए। इससे वह फ़कीर और नाराज़ हो गया और उसने उनकी मां को पूरी सच्चाई बता दी। मां ने गोविंदा को फटकार लगाई और उसी बाबा के पास ले जाकर उनसे उससे माफ़ी मांगने के लिए कहा।" गोविंदा के मुताबिक़, बाद में उसी बाबा ने कुछ ऐसा चमत्कार किया कि वे एकदम ठीक हो गए।

गोविंदा की हालत ऐसी थी कि सड़क पर चल भी नहीं पाते थे

गोविंदा ने इससे पहले 2021 में एक बातचीत में बताया था कि 13 साल की उम्र में वे इतने बीमार थे कि उनकी हड्डियों में ताकत नहीं बची थी। वे सड़क पर चल भी नहीं पाते थे। गोविंदा ने इस बातचीत में यह भी कहा था कि उस वक्त उनकी मां ने उन्हें 21 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए कहा था और जब वे 14 साल के हुए उनकी मां के विश्वास की बदौलत वे ठीक हो गए और फिर कभी ऐसे बीमार नहीं पड़े। गोविंदा यह भी मानते हैं कि जिंदगी में उनकी हर सफलता के पीछे उनकी मां का आशीर्वाद है।

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