
World Rainforest Day: आज यानि 23 जून को World Rainforest Day सेलीब्रेट किया जा रहा है। दरअसल हम सभी की लाइफ मानसून से जुड़ी हुई है। यदि एक साल भी कम बारिश हो जाए तो हमें इसकी कीमत के बारे में पता चल जाता है। यहां हम वर्षा से जुड़े 5 गाने के बोल शेयर कर रहे हैं। जिसे आप गुनगुनाते हुए रील बना सकते हैं।
1…Manzil (1979)
सिंगर - Kishore Kumar
संगीतकार - R D Burman
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल,
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
इस बार सावन दहका हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
तक धिना-धिन, धिना-धिन
तक धिना-धिन
बरसात में
तक धिना-धिन
बरसात में हमसे मिले तुम, सजन
तुमसे मिले हम बरसात में
तक धिना-धिन
बरसात में हमसे मिले तुम, सजन
तुमसे मिले हम बरसात में
तक धिना-धिन
प्रीत ने सिंगार किया, मैं बनी दुल्हन
मैं बनी दुल्हन
सपनों की रिमझिम में नाच उठा मन
मेरा नाच उठा मन
आज मैं तुम्हारी हुई, तुम मेरे, सनम
आज मैं तुम्हारी हुई, तुम मेरे, सनम
तुम मेरे, सनम
बरसात में
तक धिना-धिन
बरसात में हमसे मिले तुम, सजन
तुमसे मिले हम बरसात में
तक धिना-धिन
घनन-घनन घिर घिर आये बदरा
घन घनघोर कारे छाये बदरा
धमक-धमक गूँजे बदरा के डंके
चमक-चमक देखो बिजुरिया चमके
मन धड़काये बदरवा, मन धड़काये बदरवा
मन-मन धड़काये बदरवा
काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूँदों के बान चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये
घिर-घिर आये, घिर के आये
कहे ये मन मचल-मचल, न यूँ चल सम्भल-सम्भल
गये दिन बदल, तू घर से निकल
बरसने वाल है अब अमृत जल
दुविधा के दिन बीत गये, भईया मल्हार सुनाओ
घनन-घनन घिर-घिर...
कहां से आए बदरा
घुलता जाए कजरा
कहाँ से आए बदरा
घुलता जाए कजरा
पलकों के सतरंगे दीपक
बन बैठे आँसू कि झालर
मोती का अनमोलक हीरा
मिट्टी मे जा फिसला
कहाँ से आए बदरा ...
नींद पिया के संग सिधारी
सपनों कि सूखी फुलवारी
अमृत होठों तक आते ही
जैसे विष में बदला
कहां से आए बदरा ...
उतरे मेघ या फिर छाये
निर्दय झोंके अगन बढ़ाये
बरसे हैं अब तोसे सावन
रोए मन है पगला
कहां से आये बदरा ...
आहा हा हा हा आहा..
टिप-टिप बरसा पानी
टिप-टिप बरसा पानी पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में तो दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो जल उठा मेरा भीगा बदन
अब तू ही बताओ सजन मैं क्या करूं..
न न न न न न नाम तेरा मेरे लबों पर आया था
हो नाम तेरा मेरे लबों पर आया था
हो मैंने बहाने से तुम्हे बुलाया था
झूम कर आ गया सावन मैं क्या करूं
टिप-टिप बरसा पानी पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में तो दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो जल उठा मेरा भीगा बदन
अब तुम ही बताओ सजन मैं क्या करूं..
हे हे आ हा हा.. हे हे हा... हा..
आ हा आ हा हा हा .. आ हा हा... आ हा..
नोट- पूरा गाना सुनने या देखने के लिए आधिकारिक सोर्स से जानकारी ली जा सकती है।